लातेहार: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर लातेहार जिले के मनिका विधानसभा क्षेत्र में 'एक अनार और सौ बीमार' वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. भाजपा हो या इंडिया गठबंधन, दोनों तरफ से संभावित प्रत्याशियों की भरमार के कारण यहां का चुनावी समीकरण दिलचस्प होता जा रहा है. दरअसल, लातेहार जिले का मनिका विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित क्षेत्र है. वर्तमान में यहां कांग्रेस के रामचंद्र सिंह विधायक हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रघुपाल सिंह को करीब 16000 वोटों से हराया था.
इंडिया गठबंधन में टिकट पाने की रेस
पिछले चुनाव में यूपीए गठबंधन की ओर से रामचंद्र सिंह अकेले चुनावी मैदान में थे. लेकिन इस बार समीकरण पूरी तरह बदलने की संभावना प्रबल हो गई है. भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव हारने के बाद रघुपाल सिंह राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए हैं. उम्मीद है कि रघुपाल सिंह इस बार राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर मनिका विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. वहीं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुनेश्वर उरांव भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की जुगत में हैं. मुनेश्वर उरांव मनिका विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं. दोनों बार वे मामूली अंतर से चुनाव हारे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 2019 के चुनाव में संगठन की ओर से उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाया जाएगा. इस आश्वासन के बाद उन्होंने पिछली बार चुनाव नहीं लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में काम किया. लेकिन मौजूदा स्थिति के अनुसार वर्तमान विधायक रामचंद्र सिंह खुद इंडिया गठबंधन की ओर से मजबूत दावेदार हैं. वहीं कांग्रेस की ओर से मुनेश्वर उरांव की दावेदारी भी काफी मजबूत मानी जा रही है. मुनेश्वर उरांव के पास अच्छा खासा वोट बैंक माना जाता है. वहीं रामचंद्र सिंह के पास भी अपना वोट बैंक है.
भाजपा के भी हैं कई उम्मीदवार
मनिका विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता था. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार और 2024 के लोकसभा चुनाव में मनिका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी का अप्रत्याशित रूप से करीब 1500 वोटों से पिछड़ना भाजपा के लिए संकट के संकेत हैं. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी खेमे में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवारों की सूची काफी लंबी है.
मनिका विधानसभा क्षेत्र में 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले पूर्व विधायक हरिकृष्ण सिंह इस बार भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के प्रबल दावेदार हैं. हालांकि 2019 के चुनाव में उनका टिकट भाजपा ने अप्रत्याशित रूप से काट दिया था. इसके बाद भी उन्होंने भाजपा नहीं छोड़ी और लगातार भाजपा से जुड़े रहे. हरेकृष्ण सिंह के अलावा रामदेव सिंह भी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. अपने बेहद मिलनसार व्यवहार के कारण रामदेव सिंह की आम लोगों के बीच अच्छी पकड़ है.
भाजपा में शामिल हुए ये नेता भी दावेदार