मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ल्यूकेमिया पेशेंट ने नॉर्मल डिलीवरी से दिया 2 बच्चों को जन्म, सरकारी डॉक्टर्स ने कहा दुर्लभ केस - Cancer Patient Normal Delivery

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 5:26 PM IST

Updated : Sep 10, 2024, 6:18 PM IST

इंदौर में डॉक्टर्स ने कैंसर से जूझ रही प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आशा की किरण जगा दी है. डॉक्टर्स ने ब्लड कैंसर से पीड़ित महिला की नॉर्मल डिलीवरी कराई. महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है. इस सफलता पर डॉक्टर भी हैरान रह गए. क्योंकि कैंसर पीड़ित महिला की डिलीवरी बहुत बड़ा चैलेंज होता है.

Cancer Patient Normal Delivery
इंदौर में डॉक्टर्स ने किया चमत्कार (ETV BHARAT)

इंदौर।कैंसर से जूझने वाली महिलाएं भी अब मां बन सकती हैं, क्योंकि उपचार और मरीज की देखभाल के कारण मेडिकल साइंस में अब यह संभव है. इंदौर में ऐसी ही एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है, जो ब्लड कैंसर से जूझ रही है. मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं. अपने तरह की इस डिलीवरी से न केवल डॉक्टर और हॉस्पिटल का स्टाफ आश्चर्यचकित है बल्कि पीड़िता के परिवार के लिए भी यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. दरअसल, जब यह महिला इंदौर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में गर्भवती होने के बाद उपचार के लिए आई, तब डॉक्टर को भी नहीं पता था कि वह क्रॉनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया की मरीज है.

कैंसर पीड़ित महिलाओं की नॉर्मल डिलीवरी संभव (ETV BHARAT)

डॉक्टर्स ने की जांच तो पता चला कि कैंसर है

डॉक्टर ने जब जांच की तो पता चला पिंकी राठौर कैंसर से पीड़ित है. इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज को का इलाज शुरू करने का फैसला किया. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के असिस्टेंट प्रोफेसर और हेमेटोलॉजिस्ट डॉ.अक्षय लाहौटी के अनुसार क्रोनिक माईलाइट ल्यूकेमिया नाम के ब्लड कैंसर से पीड़ित 22 वर्षीय इस महिला के परिजन जब उसे अस्पताल लेकर आए, तब उसे 25 सप्ताह का गर्भ था. इसके बाद गाइनेकोलॉजिस्ट सुमित्रा यादव की निगरानी और समन्वय से महिला का इलाज शुरू किया गया.

डॉक्टर्स के सामने ये था बड़ा चैंलेंज

डॉक्टर के सामने सबसे बड़ा चैलेंज यह था कि गर्भवती महिला को कैंसर की अधिक प्रभावी दवाइयां नहीं दी जा सकती थीं. क्योंकि वह गर्भवती थी और इससे उसके बच्चों को खतरा हो सकता था. इसके अलावा ना ही कीमोथेरेपी और रेडिएशन से संबंधित अन्य थेरेपी का उपयोग उसके इलाज में संभव था. इसके बावजूद डॉक्टरों की टीम ने फैसला किया कि महिला को बिना अस्पताल में भर्ती किए हुए ही हर दिन की निगरानी और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर इलाज जारी रखना है.

महिला का 3 महीने सघन निगरानी में उपचार

इसके बाद क्लिनिकल हेमेटोलॉजी की टीम ने मरीज का इलाज जारी रखा. 3 महीने तक चले इलाज के बाद एमटीएस हॉस्पिटल की सीनरी गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. सुमित्रा यादव की निगरानी में पिंकी राठौर की नॉर्मल डिलीवरी कराई गई. इसके बाद उसने दो स्वस्थ जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, जिसमें एक बालक और एक बालिका है. अपनी तरह के इस चौंकाने वाले मामले को लेकर डॉ.अक्षय लाहोटी का कहना है "इस तरह के केस दुनिया भर में करीब 150 रिपोर्ट हुए हैं. इंदौर में कैंसर पीड़ित गर्भवती महिला द्वारा स्वस्थ बच्चों को जन्म देना किसी चमत्कार से कम नहीं है."

ये खबरें भी पढ़ें...

बुरहानपुर जिला अस्पताल में डॉक्टर्स का कमाल, बुजुर्ग महिला की जान बचाई, पेट से निकाला साढ़े 7 किलो ट्यूमर

AIIMS में होम्योपैथी चिकित्सा से क्रॉनिक स्कैल्प सोरायसिस का सफल इलाज, फिर से आ गए सिर के झड़े बाल

कैंसर पीड़ित महिलाओं में जगी आशा की किरण

डॉ. अक्षय लाहोटी के अनुसार"आमतौर पर कैंसर से पीड़ित महिलाएं बच्चों का जन्म देने का फैसला नहीं कर पाती, लेकिन इस तरह के केस से अब ऐसी महिलाओं के बीच भी मां बनने की उम्मीद जगी है, जो अलग-अलग प्रकार के कैंसर से जूझ रही हैं, लेकिन उनके द्वारा बच्चों को भी कैंसर होने की आशंका के कारण मां नहीं बन पाती."

Last Updated : Sep 10, 2024, 6:18 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details