नई दिल्ली:केंद्र सरकार द्वारा 23 जुलाई 2024 को पेश किए गए बजट में कैंसर की तीन दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने की घोषणा के बाद से कैंसर से जूझ रहे मरीजों को इन दवाइयों के सस्ते होने का इंतजार है. सरकारी घोषणा के जमीन पर उतरते ही कैंसर मरीजों को ये दवाइयां लगभग आधी कीमत में मिलनी शुरू हो जाएंगी. इन तीन दवाओं के बारे में जानकारी देते हुए रिटेलर डिस्ट्रीब्यूटर केमिस्ट एसोसिएशन दिल्ली के महासचिव डॉ. बसंत गोयल ने बताया कि इन तीन दवाइयों में दो इंजेक्शन और एक टैबलेट शामिल है.
बसंत गोयल ने बताया कि इस महीने के अंत तक या उससे पहले भी नए रेट के साथ बाजार में आने की पूरी संभावना है. ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट का यह नियम है कि जिस भी दवाई का रेट कम होता है तो उसके पुराने माल के रेट के ऊपर स्टिकर लगाकर उस पर नया रेट लगा दिया जाता है. बजट में सरकार की घोषणा के एक महीने में कीमतों से संबंधित नियम लागू होकर जमीन पर उतर जाते हैं. इसलिए इन तीनों दवाइयों का पुराना माल जो स्टॉक में पड़ा होगा, उस पर स्टिकर लगाकर उसको अलग कर दिया जाएगा. इसके बाद नए इंपोर्ट हुए माल को बिना कस्टम ड्यूटी के रेट पर बाजार में भेजा जाएगा.
अभी डेढ़ लाख रुपए से ज्यादा है तीनों दवाइयों की कीमत:डॉक्टर गोयल ने बताया कि डिरेक्सटेकन साल्ट का एक इंजेक्शन दो लाख 10 हजार रुपए का आता है. जबकि, डुडुर्वालुमैब साल्ट का इंजेक्शन जो इमफिंजी के नाम से आता है, उसकी कीमत एक लाख 90 हजार है. इसी तरह ओसिमर्टिनिब साल्ट की टैबलेट जो टैग्रिसो के नाम से आती है उसकी 10 गोली के पत्ते की कीमत एक लाख 51 हजार 670 रुपए है.
मरीज ज्यादा, लेकिन महंगी दवाई के कारण डिमांड कम:डॉक्टर बसंत गोयल ने बताया कि ये तीनों दवाइयां लंग कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काम आती है. दोनों तरह के कैंसर के मरीजों की संख्या देश में तेजी से बढ़ रही है. मरीज ज्यादा हैं, लेकिन ये तीनों दवाइयां महंगी होने के चलते हर मरीज इनका खर्चा वहन नहीं कर पाते. जो लोग खर्चा उठाने की कोशिश भी करते हैं उनको अपनी संपत्ति जमीन और घर तक बेचने पड़ जाते हैं. इसलिए इन दवाइयां की खपत कम है. उन्होंने बताया कि पूरे देश में एक महीने में डिरेक्सटेकन के 300-400 इंजेक्शन की खपत होती है.