श्रीगंगानगर. एक तरफ किसानों का विभिन्न मांगों के लिए आंदोलन जारी है. दूसरी तरफ श्रीगंगानगर में अगले महीने प्रशासन ने नहरबंदी लेने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. रविवार को जिला कलेक्टर लोकबंधु ने गंगनहर और भाखड़ा का निरीक्षण कर नहर प्रणाली का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने जल संसाधन विभाग को नहरबंदी के मद्देनजर पीएचईडी अधिकारियों के साथ मिलकर आवश्यक तैयारियां करने के दिशा-निर्देश दिए.
जल संसाधन वृत के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला ने बताया कि जिला कलंक्टर ने सबसे पहले खखां हैड का निरीक्षण किया. यहां नहर प्रणाली की व्यवस्थाओं को देखने के पश्चात जिला कलेक्टर शिवपुर हैड पहुंचे. शिवपुर हैड पर अधिकारियों ने जिला कलेक्टर को गंगनहर के जरिए पंजाब से आने वाले नहरी पानी की आवक और नहर वितिरिकाओं के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचने की व्यवस्था के बारे में जानकारी दी. कलेक्टर ने निर्माणाधीन पर्यटन स्थल का अवलोकन किया.
पढ़ें:60 दिन की नहरबंदी में पेयजल प्रबंधन के लिए ये होंगे इंतजाम
स्काडा सिस्टम का किया अवलोकन: जिला कलेक्टर ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जल संसाधन विभाग के कार्यालय में स्काडा सिस्टम का अवलोकन किया. यहां अधिकारियों द्वारा गंगनहर रेगुलेशन पोर्टल की वेबसाइट, मोबाइल एप तथा संदेश एप के बारे में अवगत करवाया. अधिकारियों ने बताया कि किस तरह से इस पोर्टल के माध्यम से किसान घर बैठे ही ऑनलाइन तरीके से गंगनहर में पानी की मात्रा, नहर में पानी के उतार-चढ़ाव और नहरों के खुलने और बंद होने जैसी जानकारियां प्राप्त कर रहे हैं. इसके साथ ही संदेश एप के माध्यम से किसानों को नहरों के खुलने और बंद होने की जानकारी उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर उपलब्ध करवाई जा रही है.
पढ़ें:Water Crisis In Rajasthan: ज्यादातर बांधों का गला लगा सूखने, मानसून को लेकर बढ़ा इंतजार
अंतिम छोर तक पहुंचे नहरों का पानी:कलेक्टर इसके बाद सादुलशहर पहुंचे और भाखड़ा नहर प्रणाली की करणीजी डिस्ट्रीब्यूटरी का निरीक्षण किया. भाखड़ा एक्सईएन रामाकिशन ने कलेक्टर को नहर प्रणाली से अवगत करवाया. इस दौरान जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अंतिम छोर पर बैठे किसानों को अधिक से अधिक पानी उपलब्ध हो सके, इसके लिए पंजाब के सिंचाई विभाग के अधिकारियों से समन्वय बनाकर रखा जाए.