बक्सरःबिहार के बक्सरजिले के डुमरांव स्थित डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल को लेकर जारी पंफलेट में बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में प्रिंसिपल वी आनंद कुमार खुद मीडिया के सामने आया है और इस पंफलेट को लेकर अपनी सफाई दी. उन्होंने पंफलेट को पूरी तरह फर्जी बताया और इसे विरोधियों की साजिश करार दिया. वहीं पुलिस का भी कहना है कि जिस सुनील तिवारी के नाम से पंफलेट जारी किया गया है उस नाम का कोई कैदी बक्सर सेंट्रल जेल में है ही नहीं.
पंफलेट में डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल पर गंभीर आरोपःदरअसल एक सप्ताह पहले कैदी सुनील तिवारी के नाम से जारी एक पंफलेट में डुमरांव डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. सुनील तिवारी के नाम से जारी 10 हजार पंफलेट पूरे शहर में बांटे गये थे और गार्ड के जरिये पंफलेट का एक पैकेट प्रिंसिपल वी आनंद कुमार तक भी पहुंचाया गया था.
प्रिंसिपल ने रखा अपना पक्ष:सोशल मीडिया से लेकर हर चौक चौराहे पर चर्चा का विषय बन चुके इस पंफलेट की सच्चाई जानने जब ईटीवी भारत की टीम डीएवी स्कूल पहुंची तो प्रिंसिपल ने पंफलेट का वो लिफाफा दिखाया जिसे उन्हें स्कूल गार्ड के जरिये भेजा गया था. डीएवी के प्रिंसिपल वी आनंद कुमार ने बताया कि मेरे गार्ड के माध्यम से यह पंफलेट मुझे भी दिया गया है जो बिल्कुल फर्जी है.
"मैं और मेरा पत्नी मूल रूप से आंध्रप्रदेश के रहने वाले हैं. हम दोनों के 21 साल और 16 साल के दो बच्चे हैं,बक्सर जिले में मैं 2022 में आया हूँ. फिर 2012 में इस तरह का कोई कारनामा कैसे कर दिया. डुमराँव शहर में डीएवी का ब्रांच ही 2013 में खुला है. फिर 2011 में ही वहां मैं टीचर इंचार्ज कैसे बन गया."-वी आनंद कुमार, प्रिंसिपल, डीएवी स्कूल, डुमरांव
बदला लेने के लिए बदनाम करने की साजिशः प्रिंसिपल ने इस पंफलेट के जरिए उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि डुमराँव अनुमंडल के सोनवर्षा में कुछ लोग डीएवी पब्लिक स्कूल के नाम पर फर्जी डीएवी पब्लिक स्कूल चला रहे थे. यहां तक कि उसका उद्घाटन भी मंत्री से कराया गया था.
"फर्जी डीएवी स्कूल की सूचना मिलते ही हमने थाने से लेकर एसपी तक लिखित शिकायत की. जिसके बाद तीन लोग मेरे किराये के मकान पर आए और धमकाना शुरू कर दिया.जिनके खिलाफ नगर थाने में हमने सनहा भी 6 महीने पहले ही दर्ज कराया है."-वी आनंद कुमार, प्रिंसिपल, डीएवी स्कूल, डुमरांव