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बुरहानपुर में आंधी तूफान ने किसानों पर ढाया कहर, केले की फसल बर्बाद, अब प्रशासन से आखिरी आस - Loss of banana crop in Burhanpur - LOSS OF BANANA CROP IN BURHANPUR

रविवार को बुरहानपुर जिले में आये आंधी तूफान की वजह से केला की खेती करने वाले किसानों का बहुत नुकसान हो गया. तेज आंधी की वजह से केले के पेड़ उखड़ गये, जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हो गया.

CROP DAMAGE BY STORM IN MP
बर्बाद हुई फसल को दिखाता किसान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 8:51 PM IST

बुरहानपुर। जिले में आये आंधी तूफान से केले की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है. तेज आंधी से केले के पेड़ उखड़ गये जिससे खेती करने वाले किसानों का लाखों का नुकसान हो गया. पीड़ित किसानों ने जिला प्रशासन से जल्द नुकसान का आंकलन कराकर मुआवजा राशि देने की मांग की है.

आंधी तूफान से केले की फसल बर्बाद (ETV Bharat)

केला की लाखों की फसल बर्बाद

रविवार को तेज आंधी और हवा के बाद हुई प्री मानसून बारिश किसानों के लिए आफत बन गई. महाराष्ट्र के सीमावर्ती एक दर्जन से अधिक गांवों में खड़ी केला की फसल धराशाई हो गई हैं. इसमें पातोंडा, बिरोदा, भोलाना जैसे कई गांवों में केला उत्पादक किसानों की लाखों रूपये की फसल बर्बाद हो गई. सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो अपनी बर्बाद केले की फसल देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गये. किसानों ने इसकी सूचना हल्का पटवारी को दी है. अब राजस्व विभाग का अमला नुकसान हुई फसल का मुआयना करके नियमानुसार किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देगा.

फसल बीमा लागू करने की मांग

किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा जो सहायता राशि मिलती है वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान रहती है. हर साल इसी तरह से प्राकृतिक आपदा से केले की फसल बर्बाद हो जाती है. लंबे समय से केला उत्पादक किसान केले पर फसल बीमा लागू करने की मांग कर रहे हैं. केवल फसल बीमा योजना लागू होने से ही प्राकृतिक आपदा में केला किसानों की होने वाले नुकसानी की भरपाई हो सकती है. लेकिन ना जाने क्यों शासन केले पर फसल बीमा योजना लागू नहीं कर रहा है.

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सहायता राशि का इंतजार

किसान ओमराज बावस्कर ने बताया कि, 'उन्होंने अपने खेत में केले के 8 हजार पेड़ लगाये थे, आंधियों की वजह से जिसमें से अधिकतर पेड़ गिर गये हैं. गिरे हुए पेड़ों को खेत से उठाने के लिए जेब से मजदूरी देनी होगी जिस वजह से बचे हुए केलों के भी दाम नहीं मिलेगें'. यही हाल सभी किसानों का है, प्रशासन को उन्होंने सूचित कर दिया है. अब देखना है प्रशासन इस पर क्या ऐक्शन लेता है.

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