दतिया: भाजपा के नगर महामंत्री और खटीक समाज के जिला अध्यक्ष जितेंद्र मेवाफरोश ने आत्महत्या कर ली. सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया. घटना रविवार सुबह की है. बताया जा रहा है कि जितेंद्र पर 6.50 लाख रुपए का कर्ज था और सूदखोर लगातार परेशान कर रहे थे.
सूदखोरों पर परेशान करने का आरोप
परिवार के लोगों ने बताया जितेंद्र ने घर के बाहर आत्महत्या कर ली. स्थानीय लोगों की मदद से परिवार वाले तत्काल उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. मृतक की बेटियों ने बताया कि "पापा को रिंकू दुबे और अंकित श्रीवास्तव को साढ़े 6 लाख रुपये देने थे. दोनों आए दिन पापा को फोन कर धमकी देते थे, कहते थे कि मकान बेचो या जमीन लेकिन पैसा चुकता करो. इसी बात से परेशान होकर पापा ने यह कदम उठाया है. पापा सुबह नहाने के बाद घर के बाहर पूजा करने के लिए निकले थे."
भाजपा पार्षद पर लगाया टॉर्चर करने का आरोप
मृतक के भाई वीरेंद्र खटीक ने आरोप लगाया कि "उनके भाई जितेंद्र को अंकित श्रीवास्तव और पार्षद रिंकू दुबे रूपयों के लेनदेन को लेकर लगातार टॉर्चर कर रहे थे. वो भाई की जमीन और घर उनके नाम करने का दबाव बना रहे थे. सहारा कंपनी के पैसों को लेकर उनके बीच लेनदेन था. वह भाई को लगातार परेशान करते थे. सुबह चीखने की आवाज आई, इसके बाद भाभी चिल्लाई तो हम सब बाहर आए तब घटना का पता चला. इन दोनों से परेशान होकर भाई ने आत्महत्या का कदम उठाया."
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'लोगों के पैसे चुकाने लिया था कर्ज'
मृतक के भाई वीरेंद्र खटीक ने बताया कि "जितेंद्र पहले सहारा कंपनी में एजेंट के तौर पर काम करते थे. कंपनी के दिवालिया होने के बाद भाई ने कर्ज लेकर लोगों के पैसे चुकाए थे. कुछ पैसे भाजपा पार्षद रिंकू दुबे और उसके साथी अंकित से लिए थे. कंपनी के डूब जाने के बाद भाजपा नेता उनके भाई ने दतिया में सब्जी का थोक व्यापार शुरू किया था. परिजन के मुताबिक काम ठीक-ठाक चल रहा था. इस व्यापार से परिवार को उम्मीद थी कि वह कर्ज से मुक्त हो जाएगा."