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सेंगोल Vs संविधान पर बसपा सुप्रीमो की सपा को नसीहत; बोलीं- आम जनता के मुद्दों पर सरकार को घेरें - Sengol Vs Constitution

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 9:57 AM IST

मायावती ने कहा कि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है. सरकार में आकर कमजोर वर्गों के खिलाफ फैसला भी लेती है. इनके महापुरुषों की भी उपेक्षा करती है. इस पार्टी के सभी हथकंडों से जरूर सावधान रहें.

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बसपा सुप्रीमो मायावती का फाइल फोटो. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सेंगोल (राजदंड) को लेकर संसद में उपजे विवाद पर समाजवादी पार्टी को जमकर लताड़ लगाई है. उन्होंने आम जनता को इस पार्टी के सभी हथकंडों से सावधान रहने की नसीहत भी दी है.

बता दें कि समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद में सेंगोल की जगह संविधान को रखने की वकालत की थी. इसके बाद से लगातार विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता समाजवादी पार्टी को घेर रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी समाजवादी पार्टी पर जमकर प्रहार किया है.

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लिखा कि सेंगोल को संसद में लगाना चाहिए या नहीं इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर और उपेक्षित वर्गों के हितों में और आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केंद्र सरकार को घेरती.

मायावती ने कहा कि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है. सरकार में आकर कमजोर वर्गों के खिलाफ फैसला भी लेती है. इनके महापुरुषों की भी उपेक्षा करती है. इस पार्टी के सभी हथकंडों से जरूर सावधान रहें.

बता दें कि बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती के सेंगोल पर बयान से पहले भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता बयान दो चुके हैं. एनडीए के सहयोगी दल आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री जयंत चौधरी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी थी.

कहा था कि यह बेवजह का मुद्दा बनाया जा रहा है. एनडीए के एक और सहयोगी अपना दल की नेता और मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने यहां तक कहा था कि जब संसद में सेंगोल लग रहा था तब क्या समाजवादी पार्टी मौजूद नहीं थी? तब विरोध क्यों नहीं कर पाए? अब विरोध करने का क्या मतलब है. समाजवादी पार्टी को ऐसा नहीं करना चाहिए.

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