प्रयागराज: लोक सेवा आयोग पीसीएस जे 2022 का परिणाम बदल सकता है. सोमवार को हाईकोर्ट में आयोग के डिप्टी सेक्रेटरी की ओर से दाखिल हलफनामे में इस बात के संकेत मिले कि मुख्य परीक्षा की कॉपी में मिली गड़बड़ी को दूर करने के लिए आवश्यकता हुई तो परिणाम पुनः जारी किया जा सकता है. हालांकि कोर्ट ने आयोग द्वारा हलफनामे में दी गई जानकारी को पर्याप्त नहीं मानते हुए लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को कुछ बिंदुओं पर नए सिरे से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. श्रवण पांडे की याचिका पर न्यायमूर्ति एचडी सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.
याची के अधिवक्ता विभु राय के मुताबिक लोक सेवा आयोग की ओर से सोमवार को डिप्टी सेक्रेटरी ने हलफनामा दाखिल किया. हलफनामे में आयोग ने स्वीकार किया है कि जांच में लगभग 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी मिली है जो एक दूसरे में मिक्स हो गई है. आयोग इसे दूर करने का प्रयास कर रहा है. इस खामी को दूर करने के लिए रिजल्ट नए सिरे से भी जारी किया जा सकता है.
कोर्ट ने जानना चाहा कि परिणाम फिर से घोषित करने पर कितने अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर होंगे तथा कितने नए लोगों को स्थान मिलेगा जो लोग नियुक्त हो कर काम कर रहे हैं उनके सम्बन्ध में क्या निर्णय लिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि आयोग द्वारा दाखिल हलफनामे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है इसलिए अध्यक्ष नए सिरे से हलफनामा दाखिल कर सभी जानकारियां उपलब्ध कराएं.
उल्लेखनीय है कि पीसीएस जे 2022 के अभ्यर्थी श्रवण पांडे ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी अंग्रेजी व हिंदी की उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. आयोग द्वारा अभ्यर्थी को आरटीआई में उपलब्ध कराई गई जानकारी से पता चला कि उसकी उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फटे हुए थे. इसके बाद आयोग ने सभी 18042 उत्तर पुस्तिकाओं की नए सिरे से जांच करने का निर्णय लिया. हाईकोर्ट ने आयोग के इस निर्णय पर भी सवाल उठाया तो आयोग का कहना था कि जांच में कई उत्तर पुस्तिकाओं में इसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है. वह हर प्रकार की गड़बड़ी को दूर करना चाहते हैं. मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी.
ये भी पढ़ेंः CM योगी ने फिर इधर से उधर किए कई IAS अफसर, देखिए अब किसे कहां मिली पोस्टिंग?