अलीगढ़ः कहा जाता है कि सिर्फ गर्म कपड़े पहनने से ठंड से बचाव नहीं हो सकता, बल्कि शरीर को गर्म रखने के लिए गजक, चिक्की और तिल के लड्डू जैसे विशिष्ट खाद्य पदार्थों का सेवन भी जरूरी है. इसलिए सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक गजक पसंद की जाती है. स्वाद के साथ सेहत के लिए गुणकारी गजक बनाने के लिए खास तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. अलीगढ़ में पारंपरिक रूप से बनाई जाने वाली गजक की देश ही नहीं विदेश में भी डिमांड हैं.
सिविल लाइंस थाने के दोधपुर क्षेत्र में इंडिया गजक कॉर्नर की गजक काफी मशहूर है. इंडिया गजक कॉर्नर की गुड़ और तिल द्वारा तैयार की जाने वाली गजक सर्दियों का तोहफा माना जाता है. जिसकी मांग विदेशों में भी है और सर्दियों में यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है. ऐसे में अगर आप सर्दियों में अलीगढ़ जाएं और गजक न खाएं तो एक बेहतरीन जायके को मिस कर सकते हैं.
कैसे बनती है गजक?
गाजक तैयार करने वाले कारीगर गोपाल और मोहम्मद हनीफ ने बताया कि गजक बनाने के लिए सबसे पहले कढ़ाई को गर्म करके उसमें गुड़ और थोड़ा सा पानी डाला जाता है. इसके बाद अच्छे से मिक्स करते हुए इसकी हम चाशनी बनाते हैं. गुड़ को इतना पकाते हैं कि उसकी दो तार की चाशनी बन जाए, फिर तिल को मिक्स करने के बाद हल्का सा घी डालते हैं. इसके बाद झिली हुई मूंगफली को भूनकर गुड़ कि चाशनी में मिलाकर सभी को अच्छे से मिक्स करते हैं. गरम-गरम मिक्सर को समतल सतह फैलाकर उसको जरूरत के हिसाब से छोटे-छोटे पीस में काट लेते हैं. ठंडा होने के बाद तैयार गजब को खाया जा सकता है. इसी तरह चीनी की भी गजक बनाई जाती है. जिसमें गुड़ की जगह चीनी का इस्तेमाल किया जाता है, बाकी प्रक्रिया एक से होती है. हनीफ ने बताया, तिल और गुड़ से बनी गजक सर्दियों के लिए खास होती है. सर्दियों के मौसम की सबसे अच्छी खाने की चीज है. सर्दियों के दौरान सबसे ज्यादा बिकती है.
1978 में खोली थी दुकानः मुहम्मद रफीक ने बताया कि 1978 से गजक की दुकान चला रहे हैं और सर्दियों में इसकी मांग काफी बढ़ जाती है. लगभग 20 प्रकार की गजक तैयार की जाती है, जो मूंगफली, गुड़ और तिल द्वारा तैयार की जाती है. गजक बनाने के दौरान सफाई का खास ख्याल रखा जाता है. इसे देश ही नहीं विदेशों में भी पसंद किया जाता है. जब भी कोई अमेरिका, सऊदी अरब, दुबई या किसी अन्य देश से अलीगढ़ आता है तो लौटते समय अपने साथ गजक जरूर ले जाता है.
20 प्रकार की मिलती है गजकः इंडियन गजक के मालिक और कारीगरों का कहना है कि गजक तैयार करने के दौरान सफाई और इसमें मिलाई जाने वाली चीजों कि गुणवत्ता और मात्रा का खास ध्यान रखते हैं. रोजाना ताजा गजक बनाते हैं ताकि इसे खाने वाले को असल स्वाद के साथ मिले. इंडियन गजक के मालिक रफीक ने बताया कि हमारी गजक की पहचान अपने स्वाद की वजह से है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शिक्षा हासिल कर रहे विदेशी और देश के विभिन्न राज्यों के छात्र जब अवकाश पर अपने घर जाते हैं तो वह यहां की गजक लेकर जाते हैं. जिसके कारण अलीगढ़ की गजक हिंदुस्तान के दूसरे जिलों और दुनिया के दूसरे देश तक पहुंच गई है. गजक की कीमत 200 से 1200 रुपये प्रति किलो तक की है. फिरोजाबाद के शोएब कबीर ने बताया कि वह कई बार यहां से गजक ले चुके हैं. मूंगफली की गजक सबसे ज्यादा पसंद है.
सर्दियों में गजक क्यों खाई जाती है?
बता दें कि वैसे तो आप गुड़ का सेवन किसी भी मौसम में कर सकते हैं, लेकिन सर्दियों में यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. सर्दियों में शरीर में रक्त संचार धीमा हो जाता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो जाती है. ऐसा माना जाता है कि अगर गुड़ खाएंगे तो आपको यह समस्या नहीं होगी. गुड़ की तासीर गर्म होती है, जो शरीर के तापमान को संतुलित रखती है और शरीर को अधिक ठंड लगने से बचाती है.