आगरा: ताजनगरी के लिए अच्छी खबर है. अब आगरा एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन बनने का इंतजार खत्म हो गया है. इस नए टर्मिनल भवन के सिविल निर्माण को कंपनी से अनुबंध हो गया है. जो करीब 343 करोड़ रुपए की लागत से 34 हजार वर्ग मीटर में एरिया में बनेगा. नए टर्मिनल का काम दो साल में पूरा हो जाएगा. यह जानकारी रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने दी. उन्होंने बताया कि, नए टर्मिनल भवन के निर्माण कार्य को लेकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने केएसएम बशीर मोहम्मद एंड संस को दिया है. कंपनी ने सबसे कम बोली लगाकर आगरा में पंडित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन के सिविल निर्माण कार्य के लिए अनुबंध हासिल किया है.
केएसएम ने लगाई सबसे कम बोली: एएआई ने दिसंबर 2023 में टर्मिनल के सिविल निर्माण अनुबंध के लिए निविदाएं आमंत्रित कीं थीं. जिसमें 441.79 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया. ये काम करीब दो साल की समय सीमा में पूरा होना तय है. फरवरी में तकनीकी बोलियां खोली गई. जिसमें, कुल 13 बोली लगाई थी. जिसमें केएसएम बशीर मोहम्मद एंड संस ने सबसे कम 343.20 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. इसलिए, ये काम बशीर मोहम्मद एंड संस को मिला है.
कंपनी कर रही मेट्रो परियोजना का काम: केएसएम बशीर मोहम्मद एंड संस ने एएआई के अनुमान से काफी कम में बोली लगाई है. हाल में केएसएम की पिछली परियोजनाओं में कानपुर मेट्रो लाइन-1 का पॉलिटेक्निक डिपो शामिल है. कंपनी हाल ही में इंदौर मेट्रो के गांधी नगर डिपो और दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस के मोदीपुरम डिपो पर काम कर रही हैं. कंपनी आगरा में सिविल टर्मिनल का ग्राउंडवर्क जुलाई-सितंबर में शुरू कर सकती है.
ये होगी खासियत: केन्द्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने बताया, कि नया टर्मिनल भवन 34346 वर्ग मीटर में बनेगा. इस नए टर्मिनल पीक ऑवर में टर्मिनल में 1400 यात्रियों को संभालने के हिसाब से डिजायन किया गया है. टर्मिनल आगरा की कनेक्टिविटी और यात्रा के अनुभव को बढ़ाएगा. टर्मिनल में चार एयरोब्रिज, 32 चेक-इन काउंटर और तीन बैगेज क्लेम बेल्ट होंगे. टर्मिनल में 9 छोटे विमानों के हिसाब से एप्रन क्षेत्र का विस्तार किया गया है. इसमें B737 और A320 मॉडल शामिल हैं. हवाई अड्डे के विकास के लिए तीन गांवों-धनौली, अभयपुरा और बलहैरा में 92.50 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए 123.59 करोड़ रुपये बजट में दिए गए हैं.
प्लाइट के लिए वायुसेना परिसर के अंदर से जाना पड़ता: सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि, अभी वायुसेना परिसर में होकर आगरा से फ्लाइट पकड़ने के लिए जाना पड़ता है. वायुसेना परिसर के गेट से एयरपोर्ट तक बस से जाना पड़ता है. इससे एंट्री करने में भी सिविल एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाती है. उन्होंने कहा कि, यदि सिविल एन्क्लेव बन जाएगा तो अन्य एयरलाइंस भी आगरा से फ्लाइट शुरू करने को इच्छुक होंगी. इससे फ्लाइट्स की संख्या भी बढ़ेगी और यह किफायती भी होंगी.
इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं रहने से टूरिस्ट कम आते: इंटरनेशनल फ्लाइट से आने वाला टूरिस्ट अभी दिल्ली उतरता है. वहां से बाय रोड या फिर ट्रेन के जरिए आगरा आता है. ताजमहल देखने के बाद सेम डे दिल्ली लौट जाता है. ऐसे में ताजनगरी में नाइट स्टे नहीं बढ़ रहा है. शहर में इंटरनेशनल फ्लाइट आने से होटल उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा.
इसलिए इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जरूरत: मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने हर साल 15 से 17 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं. जो पहले दिल्ली पहुंचते हैं. वहां से फिर सड़क मार्ग से आगरा आते हैं. अब अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिलने के बाद आगरा में इंटरनेशनल फ्लाइटें भी आ जा सकेंगी. क्योंकि, अभी तक यहां से कोई इंटरनेशनल शेड्यूल फ्लाइट नहीं है. सिर्फ, चार्टर प्लेन जरूर आते हैं. अब नया सिविल एन्क्लेब बनने से विदेशों से सीधे आगरा आ सकेंगे. आगरा से दूसरे शहरों को भी आ-जा सकेंगे. अभी तक आगरा एयरपोर्ट से चार शहरों के लिए फ्लाइट अभी संचालित हो रही हैं.
कब-कब क्या हुआ: साल 2012 में मायावती सरकार ने सिविल एन्क्लेव का प्रस्ताव तैयार किया था. इसके बाद साल 2014 में सपा सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव बनाया था. साल 2015 में फिरोजाबाद, फिर सैफई में एयरपोर्ट ले जाने की कवायद हुई थी, साल 2016 में सिविल एन्क्लेव के प्रस्ताव पर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की गई है. साल 2018 में धनौली में जमीन अधिग्रहण के बाद बाउंड्री का निर्माण शुरू हुआ था, साल 2019 में हवाई यातायात बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी, साल 2022 में एयरपोर्ट अथारिटी ने एन्क्लेव की योजना को ड्रॉप किया. और 17 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में फ्लाइट बढ़ाने की मंजूरी दी.