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'जेडीयू जिलाध्यक्ष को नहीं मिला था हॉस्पिटल में स्ट्रेचर, टूटी व्हीलचेयर पर पैर घसीटते हुए गए थे अस्पताल, नहीं बची जान' - BAHUJAN SAMAJ PARTY

कैमूर जिलाध्यक्ष को हार्टअटैक आने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते उनकी मौत हो गई. ये आरोप बसपा ने लगाया-

बसपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस
बसपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 25, 2025, 4:01 PM IST

कैमूर: बिहार के कैमूरमें एक ऐसे शख्स को स्ट्रेचर समय पर नहीं मिला, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. ये शख्स कोई और नहीं बल्कि मौजूदा सरकार के पूर्व विधायक और कैमूर के जेडीयू जिलाध्यक्ष थे. परिजनों के हवाले से बिहार बसपा के प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने इस वाकये पर NDA सरकार पर भ्रष्टाचारी और लापरवाही का आरोप लगाया.

जेडीयू जिलाध्यक्ष को नहीं मिला स्ट्रेचर : बिहार बसपा के प्रदेश प्रभारी ने जेडीयू के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह के परिवार के हवाले से बताया कि जब उन्हें हार्ट अटैक आया तो उन्हें लेकर भभुआ सदर अस्पताल पहुंचे. लेकिन वहां स्ट्रेचर नहीं मिला. एक व्हील चेयर मिली जिसका पांवदान टूटा हुआ था. बेहोशी की हालत में प्रमोद कुमार सिंह का एक पैर रास्तेभर घसिटाते रहा. जो कि बहुत ही शर्म की बात है.

अनिल कुमार, प्रदेश प्रभारी, बसपा (ETV Bharat)

हार्ट अटैक से हुई थी मौत : बता दें कि बीते 22 जनवरी को भभुआ भभुआ के पूर्व विधायक एवं जदयू जिलाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार सिंह का हार्ट अटैक से मौत हो गयी, जिसकी सूचना पर आज दिवंगत के परिजनों से मिलने बिहार बसपा प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार पहुंचे. उन्होंने परिजनों को सांत्वना दिया और भभुआ जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल के आवास पर प्रेसवार्ता किया.

''आज मैं डॉ प्रमोद कुमार सिंह के परिजनों से मिला जहां उनके द्वारा बताया गया कि जब डॉ प्रमोद कुमार सिंह का तबीयत बिगड़ी, तो उन्हें आनन फानन में इलाज के लिए भभुआ सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां हार्ट अटैक के मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रे्चर भी नहीं मिला. उन्हें व्हील चेयर दिया गया जिसका पावदान टूटा हुआ था. जिस कारण दिवंगत का पैर घसीटताते रहा, जो कि बहुत शर्म की बात है.''- अनिल कुमार, प्रदेश प्रभारी, बसपा

'सरकारी अस्पताल खस्ताहाल' : बसपा प्रभारी ने डॉ प्रमोद सिंह की मौत पर दुख जताया और कहा कि अपने भभुआ विधानसभा क्षेत्र से वो तीन बार विधायक रह चुके थे और जदयू के जिलाध्यक्ष भी थे. उसके बावजूद भी उन्हें बिहार में जदयू के सरकार में भी अपने ही क्षेत्र के अस्पताल में एक स्ट्रे्चर नहीं मिला, अब सोचने वाली बात यह है कि जब एक पूर्व विधायक के साथ अस्पताल का ऐसा व्यवहार रहा तो आम जनता का क्या हाल होता होगा? उनका कैसे इलाज होता होगा?

''एनडीए सरकार कहती है कि बिहार में शिक्षा स्वास्थ सहित सभी योजनाओं की सुविधा दिया गया है, लेकिन आप देख सकते हैं कि बिहार के शाहाबाद क्षेत्र में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं है. जहां यहां के स्थानीय लोगों का इलाज हो सके. यही कारण है कि इस क्षेत्र के लोगों को बनारस या दिल्ली जाकर इलाज कराना पड़ता है. जिस कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में बैठ कर कहते हैं कि पीएमसीएच में 10 हजार बेड का व्यवस्था कराएंगे.''- अनिल कुमार, प्रदेश प्रभारी, बसपा

'मैं ये मुद्दा सदन में उठाउंगा': अनिल कुमार ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम कैमूर के लिए चिंतित हैं, कि एक पूर्व विधायक को सदर अस्पताल में स्ट्रे्चर नहीं मिला. लोग किसी तरह उन्हें खींच-टांग कर बेड पर ले गए, जो काफी शर्मनाक है. इसको लेकर मैं सदन में आवाज उठाऊंगा और ऐसे विभाग के अधिकारियों पर जांच कराने के बाद उनपर कार्यवाही कराऊंगा.

'बसपा भ्रष्टाचार हटाने का विकल्प': यही नहीं सरकार कहती है कि बिहार एक डिजिटल बिहार है, लेकिन कैमूर का अधौरा क्षेत्र आज भी सड़क, पानी, विद्यालय और अस्पताल के लिए तड़प रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इस बार 2025 विधानसभा चुनाव में बसपा पूर्ण बहुमत के साथ बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और जीत भी हासिल करके दिखाएगा, क्योंकि यहां भ्रष्टाचारियों की सरकार चल रहा है जिसे जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा.

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