हजारीबाग: जिला में झील समेत बड़े तालाब की साफ सफाई के लिए नगर निगम ने लगभग 2 करोड़ रुपए की लागत से बीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी 2022 में की थी. अब यह मशीन सफेद हाथी का दांत साबित हो रहा है. ये मशीन तालाब में ही शोभा की वस्तु बन गयी है. आलम यह है कि उसे रस्सी से बांधकर उसे रखा गया है और साफ-सफाई में नगर निगम के कर्मियों को लगाया गया है.
हजारीबाग नगर निगम हमेशा चर्चा में रहता है. करोड़ों रुपया के सामान की खरीदारी होती है लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पाता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां 2022 में बीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी लगभग दो करोड़ रुपए से की गई थी. इस मशीन की खरीदारी झील समेत वैसे तालाब जहां जलकुंभी उग आते हैं, उसकी साफ-सफाई के लिए तत्कालीन उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित के कार्यकाल में खरीदी गयी थी.
इसका उपयोग पिछले 4 महीने से नहीं हो रहा है. जिस कारण इलाके के झील जलकुंभी से भर गये हैं. इसे देखने वाला भी कोई नहीं है. अब यह मशीन शोभा का वस्तु बन गया है. इसे तालाब के बीच में ही रस्सी से बांधकर रखा गया है. अगर यह मशीन काम करती तो झील समेत गई जल स्रोत साफ रहते.
हजारीबाग के लगभग सभी जल स्रोत जिसमें झील, मीठा तालाब, हुरहुरु तालाब सभी जगह जलकुंभी भरे हुए हैं. अब कुछ दिनों छठ की तैयारी शुरू हो जाएगी. ऐसे में प्रशासन और नगर निगम ने सफाई कर्मियों को जलकुंभी हटाने में लगा दिया है. हजारीबाग का झील सबसे बड़ा जल स्रोत है. जहां हजारों हजार की संख्या में छठ व्रती और उनके परिवार वाले अर्घ्य देने के लिए पहुंचते हैं. साफ-सफाई के अभाव में लोग अब झील आना भी पसंद नहीं कर रहे हैं. हजारीबाग आने वाले एक बार जरूर झील परिसर आता है. अब झील की सुंदरता भी धूमिल हो रही है.