राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

मॉर्डन टेक्निक-देसी जुगाड़ सब फेल, लाख मशक्कत के बाद भी आर्यन को नहीं बचा पाई रेस्क्यू टीम - ARYAN BOREWELL RESCUE OPERATION

दौसा में बोरवेल में गिरे 5 साल के मासूम की मौत हो गई. 56 घंटे बाद बोरवेल से शव बाहर निकाला गया.

ARYAN BOREWELL RESCUE OPERATION
56 घंटे बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया शव (ETV Bharat Dausa)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 12, 2024, 1:26 PM IST

Updated : Dec 12, 2024, 7:06 PM IST

दौसा : जिले के पापड़दा क्षेत्र में स्थित काली खाड़ गांव में सोमवार को बोरवेल में गिरे मासूम आर्यन को 56 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार रात 11:45 बजे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने देसी जुगाड़ के सहारे बोरवेल से बाहर निकाल लिया, लेकिन तब तक उसकी सांसे थम चुकी थी. इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को दौसा जिले गूलर चौराहा के पास स्थित पामाडी निवासी जगराम सैनी और उनकी टीम ने अंजाम दिया. आर्यन की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

कैसे चला पूरा ऑपरेशन :आर्यन सोमवार शाम को 3 बजे घर पर ही अपनी मां के पास खेलता हुआ घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर खेत में मौजूद खुले बोरवेल में जा गिरा. घटना के बारे में सबसे पहले आर्यन की मां गुड्डी देवी को पता चला, जिसपर उसने तुरंत अपने देवर और पति जगदीश मीना को घटना की जानकारी दी. वहीं, परिजनों ने मामले की सूचना प्रशासन को दी. सूचना मिलते ही प्रशासन ने अपने स्तर पर बचाव कार्य शुरू कर दिया और बोरवेल से करीब 20 फीट की दूरी पर खुदाई का कार्य शुरू कर दिया.

जिंदगी की जंग हार गया आर्यन (वीडियो ईटीवी भारत दौसा)

पढे़ं.Aryan Rescue Operation : जिंदगी की 'जंग' हार गया आर्यन, 56 घंटे बाद बोरवेल से निकाला गया शव

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने संभाला मोर्चा :जिला कलेक्टर की सूचना पर घटना के करीब 3 घंटे बाद शाम 6 बजे सिर्फ एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची. वहीं, रात 9 बजे एनडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गई. ऐसे में रेस्क्यू टीम ने बोरवेल में कैमरा डालकर बच्चे की मूवमेंट के बारे में पता किया. मासूम बोरवेल के अंदर रस्सी पकड़े नजर आया.

रात 2 बजे बाद मूवमेंट नहीं दिखा :एनडीआरफ कमांडेंट योगेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की रात 2 बजे से ही कोई हरकत नजर नहीं आई. लगातार आर्यन को बाहर निकालने के प्रयास में जुटे रहे. पामाडी दौसा निवासी जगराम सैनी ने बताया कि आर्यन के बोरवेल में गिरने की सूचना मंगलवार रात को लगी. इसपर 6 सदस्यों की टीम घटनास्थल पर पहुंची. उन्होंने बताया कि बोरवेल में गिरे बच्चों को रेस्क्यू करने के कई ऑपरेशन में शामिल हुए हैं.

पढ़ें.Aryan Borewell Rescue Operation : बोरवेल से अब तक नहीं निकाला गाया आर्यन, तकनीकी खामी के कारण खुदाई का काम रुका

एनडीआरफ और एसडीआरफ के साथ बिठाया तालमेल :जगराम सैनी ने बताया कि जब हम घटनास्थल पर पहुंचे तो प्रशासन ने हमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल करने से इंकार कर दिया, लेकिन मंगलवार शाम को हमें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल किया. इस दौरान हमने सबसे पहले हुक के जरिए आर्यन को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. बुधवार को देर रात रिंग में आर्यन का हाथ फंस गया, जिसे रिंग द्वारा लॉक कर दिया गया. इसके बाद तीन अलग-अलग रॉड के सहारे आर्यन को ऊपर खींचा गया, जिसमें करीब 3 घंटे का समय लग गया. बुधवार देर रात 11:45 बजे आर्यन को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया. इसके बाद उसे तुरंत एम्बुलेंस के जरिए दौसा जिला अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों ने आर्यन को जांच के बाद मृत घोषित कर दिया.

जिला अस्पताल के पीएमओ दीपक शर्मा ने बताया कि आर्यन को अस्पताल में लाते ही उसकी ईसीजी की गई, लेकिन वो सर्वाइव नहीं कर पाया. प्रथम दृष्टया संभावना जताई जा रही है कि बोरवेल में गिरने के दौरान उसके सिर में कोई गहरी चोट आने के कारण उसकी मौत भी हो सकती है. वहीं, भूख से भी उसकी मौत की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, ये जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.

पढ़ें.जिंदगी की जंग लड़ रहा आर्यन, नहीं दिख रही मूवमेंट, सलामती की दुआ कर रहे लोग

Last Updated : Dec 12, 2024, 7:06 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details