शिमला: अभी चंद दिन पहले समोसे की आंच से बचकर निकले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की राजनीतिक कुंडली में अब जंगली मुर्गा बैठ गया है. सोशल मीडिया पर हिमाचल में समोसे के बाद आज सुबह से एक ही नाम सुनाई पड़ रहा है वो है जंगली मुर्गा. जंगलों में रहना वाला गुमनाम सा पक्षी आज प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया.
जंगली मुर्गे को लेकर बीजेपी सीएम सुक्खू को घेर रही है तो वहीं, सीएम सुक्खू इस पर आज दो बार कह चुके हैं कि वो जंगली नहीं देसी मुर्गा था. सीएम यहां तक कह चुके हैं कि वो शाकाहारी हैं और मांसाहार नहीं करते है, लेकिन बीजेपी सीएम सुक्खू पीछे-पीछे जंगली मुर्गे को लेकर घूम रही है. बीजेपी अब इस जंगली मुर्गे को राजनीतिक तौर पर रोस्ट करने में लगी है.
राजेंद्र राणा ने कसा तंज
सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री बीते दिन शिमला जिला के ग्रामीण क्षेत्र में जन समस्याएं सुनने गए थे. इसी दौरान रात के समय मुख्यमंत्री को भोजन में जंगली मुर्गा परोसा गया. इस दौरान मुख्यमंत्री अन्य लोगों को जंगली मुर्गा खाने के प्रेरित कर रहे हैं...मुर्गा आया है और इसका आनंद लीजिए. प्रदेश की सरकार समोसे और जंगली मुर्गों के बीच में उलझ कर रह गई है. मुर्गों को मार कर आनंद लिया जा रहा है. वन संरक्षण अधिनियम के तहत किसी भी जंगली जानवर को मारना गैर कानूनी है और उसमें सजा का भी प्रावधान है.'
सुधीर शर्मा ने घेरा
बीजेपी विधायक ने कहा कि, 'ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री का अपना ही वीडियो सामने आया है, जिसमें वो कह रहे हैं जंगली मुर्गा बना हुआ है और वो परोसा जा रहा है. वाइल्ड लाइफ एक्ट 1972 के तहत इसके शिकार को दंडनीय माना गया है. हमारी संस्कृति में भी माना गया है कि रेड जंगली फाउल (जंगली मुर्गा) इस स्पीशीज की सबसे पुरानी प्रजाति है. इससे ही बाकी प्रजातियां निकली हैं. चीफ वाइल्ड लाफ वॉर्डन को इसपर एक्शन लेना चाहिए. भारत सरकार की एक नोटिफिकेश भी इस पर निकली है. नीतिन गडकरी की अध्यक्षता में इस पर एक कमेटी बनी थी, इसमे ये माना गया था कि ये संरक्षित प्रजाति है. धार्मिक आस्था भी इससे जुड़ी है. दक्षिण भारत में मंदिरों के बाहर इसकी पूजा की जाती है. प्रदेश के मुखिया ऐसी चीजों को प्रोत्साहन देंगे तो किस तरह से हमारी वन संपदा सुरक्षित रहेगी और इस रवैये से प्रदेश की छवि को नुकसान पहुंच रहा है. ये अपने आप में निंदा का विषय है. माननीय उच्च न्यायालय को इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए.'