रुद्रपुर:बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे के नाम से उत्तराखंड में बीजेपी विधायकों को फोन कर उन्हें मंत्री बनाने का ऑफर देकर ठगी करने के प्रयास का मामला सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने तीसरे मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले हरिद्वार और उधम सिंह नगर पुलिस गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. तीसरे आरोपी को भी रुद्रपुर पुलिस और एसओजी की टीम ने दिल्ली से पकड़ा है.
बता दें कि बीती 16 फरवरी को रुद्रपुर से बीजेपी विधायक शिव अरोड़ा के सहयोगी अभिषेक मिश्रा ने कोतवाली में इस केस को लेकर तहरीर दी थी. अभिषेक मिश्रा ने अपनी तहरीर में बताया कि 13 फरवरी को विधायक शिव अरोड़ा को अज्ञात नंबर से कॉल किया था. कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री का बेटा जय शाह बताया था.
आरोपी ने मंत्री पद के लिए तीन करोड़ रुपए मांगे थे: आरोपों को मुताबिक आरोपी ने विधायक शिव अरोड़ा को बताया कि उत्तराखंड में जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. लिस्ट में आपका नाम भी आया हुआ है. आपका मंत्री बनना तय है. हालांकि इसके एवज में आपको तीन करोड़ रुपए देने होगे.
दो और विधायकों को आया था कॉल:अभिषेक मिश्रा की तहरीर में मुताबिक विधायक शिव अरोड़ा को आरोपी की बातों को पर कुछ शक हुआ. इसीलिए उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस की है. पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. बता दें कि विधायक शिव अरोड़ा के अलावा इसी तरह की कॉल हरिद्वार जिले के रानीपुर विधायक आदेश चौहान और नैनीताल विधायक सरीता आर्य को भी आया था. वहां भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.
दो आरोपी पहले ही जा चुके जेल: पुलिस की जांच में तीन लोगों का नाम सामने आया, जिसके एक आरोपी को उधम सिंह नगर पुलिस ने रुद्रपुर से और दूसरे आरोपी को हरिद्वार पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन तीसरा आरोपी और इस ठगी का मुख्य साजिशकर्ता गौरवनाथपुलिस के हाथ नहीं आ रहा था.
मुख्य आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार: पुलिस की टीमें लगातार आरोपी गौरवनाथकी तलाश में जुटी हुई थी. इसी बीच पुलिस को गौरवनाथके दिल्ली में होने की सूचना मिली. इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी गौरवनाथ को दिल्ली कड़कड़ डूमा कोर्ट के पास से गिरफ्तार किया.
तीनों दोस्तों ने मिलकर किया ये कांड: पुलिस ने मामले का खुसाला करते हुए बताया कि आरोपियों ने उत्तराखंड के अलावा दो और राज्यों के विधायकों को भी इसी तरह फोन किया था. पुलिस के अनुसार उवैश, प्रियांशु पंत और गौरवनाथतीनों दोस्त है. तीनों को रईसी में रहने के साथ-साथ क्लब जाना और नशे का शौका है. इसके लिए उन्हें पैसा चाहिए. इसीलिए उन्होंने 26 जनवरी को आपस में मिलकर विधायकों को ठगने की योजना बनाई.
विकिपीडिया से निकाली विधायकों की जानकारी: पुलिस की जानकारी के अनुसार तीनों आरोपी एक साइट से मणिपुर, उड़ीसा, कर्नाटक और उत्तराखंड के विधायकों के मोबाइल नंबर निकाले. फिर विकिपीडिया से उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल की और उसका खांका तैयार किया. तीनों ने तय किया की पहले मंत्री बनाने के नम से उसने पैसे वसूले जाएंगे. यदि वो नहीं माने तो उनको बदनाम करने व फंसाने की धमकी देकर रुपए की मांग की जाएगी. हालांकि ये दाव उन पर उल्टी पड़ गया और वो खुद ही पकड़े गए.
जेल में दोस्तों से सीखा विधायकों को ठगने का तरीका:पुलिस के अनुसार गौरवनाथ पहले भी अपने दो साथियों सर्वेश मिश्रा और विशेष कुमार के साथ दिल्ली में एक ठगी के मुकदमे में जेल गया था. उन्ही से इसने ये तरीका सीखा था. बाद में गौरव का उनसे झगड़ा होने पर सम्पर्क खत्म हो गया. इसके बाद गौरव ने उवैश और प्रियांशु पंत को अपने साथ लिया.
आरोपी ने बताया कि प्रियांशु पंत की बोलने की स्कील अच्छी थी और इसके बाद तीनों ने दो मोबाइल नंबरो से देश के अलग-अलग राज्यों के विधायकों के नंबर व वहां के राजनैतिक बातों को मालूम किया और आखिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुत्र के नाम पर फोन किया. आरोपियों ने एक मोबाइल नंबर को जय शाह के नाम से चलाया और दूसरे नंबर को जय शाह के पीआरओ के नाम से चलाया था.
पढ़ें--