रांची:चंपई सोरेन सरकार के विश्वास मत के दौरान मुख्य विपक्षी दल भाजपा की क्या रणनीति होनी चाहिए, इसे लेकर रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी और विधायक दल के नेता अमर बाउरी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 20 बीजेपी विधायकों ने हिस्सा लिया और 05-06 फरवरी को बुलाए जाने वाले विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर रणनीति बनाई.
बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया से रूबरू हुए विधायक और पार्टी उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही ने कहा कि चंपई सोरेन के विश्वास मत के दौरान पार्टी मुखर होकर विपक्ष की भूमिका निभाएगी और इसके लिए पार्टी व्हिप जारी करेगी.
'नई बोतल में पुरानी शराब की तरह है चंपई सरकार': भानु प्रताप शाही ने कहा कि चंपई सोरेन की सरकार नई बोतल में पुरानी शराब की तरह है. चंपई सोरेन ने शपथ लेने के बाद जिस तरह से कहा कि वह हेमंत सोरेन सरकार के काम को आगे बढ़ाएंगे, उससे साफ है कि यह सरकार भी उसी तरह काम करेगी. जैसा कि हेमन्त सोरेन की सरकार कर रही थी यानि पिछले 04 वर्षों की तरह अगले 10 महीने तक युवाओं को छला जायेगा, महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे रहेगी और सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त रहेगी. ऐसी स्थिति में भाजपा मुख्य विपक्ष की भूमिका पूरी मजबूती से निभाएगी. भानु प्रताप शाही ने कहा कि वह एनडीए के अन्य दलों के विधायकों के साथ भी बैठक करेंगे.
'बीजेपी आदिवासी विरोधी नहीं':भानु प्रताप शाही ने कहा कि बीजेपी का इरादा सरकार गिराने का नहीं था. अब अगर सत्ताधारी दल का मुखिया ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाए तो भाजपा अस्थिरता के लिए कैसे जिम्मेदार हो सकती है? उन्होंने कहा कि बीजेपी आदिवासी विरोधी नहीं है. बीजेपी ने राज्य का पहला आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया, बीजेपी ने देश का पहला आदिवासी राष्ट्रपति बनाया और यहां तक कि हेमंत सोरेन को बीजेपी ने उपमुख्यमंत्री बनाया था.