चंडीगढ़/हिसार :हरियाणा के भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई ने आज सबको चौंकाते हुए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से इस्तीफा दे डाला. उन्होंने अपना इस्तीफा बिश्नोई समाज के सिरमौर मुकाम पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद को भेजा और पीठाधीश्वर को ही संरक्षक मनोनीत कर दिया है. कुलदीप बिश्नोई ने अपने इस्तीफे को सोशल मीडिया पर जारी भी कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने महासभा के आगामी चुनाव को लेकर भी 29 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है जो कि महासभा के चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन आने वाले दिनों में करेगी.
कुलदीप बिश्नोई ने दिया इस्तीफा :हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के निधन के बाद कुलदीप बिश्नोई को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का संरक्षक बनाया गया था. 12 साल तक वे इस पद पर रहे और आज उन्होंने सभी को चौंकाते हुए इस्तीफा दे डाला. कुलदीप बिश्नोई ने अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से इस्तीफा देते हुए पद छोड़ने के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है. कुलदीप बिश्नोई ने आगे कहा कि उन्हें किसी पद का कोई लालच नहीं है. वे पहले भी केंद्रीय मंत्री और डिप्टी सीएम के पद को ठुकरा चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब से बिश्नोई सभा में पद संभाला, कभी समाज के पैसों से उन्होंने एक कप चाय तक नहीं पी.
स्वामी रामानंद को संरक्षक मनोनीत किया :सिरमौर मुकाम पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद को संरक्षक मनोनीत करते हुए उन्होंने लिखा कि स्वामी रामानंद का पूरा जीवन समाज कल्याण को समर्पित रहा है. महासभा के संरक्षक के रूप में उनका सुशोभित होना समाज के लिए काफी गर्व का क्षण है. गुरुजी के चरणों में नमन करते हुए उन्होंने शुभकामनाएं दी है. इसके अलावा कुलदीप बिश्नोई ने लिखा कि अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का गौरवशाली इतिहास है और समाज कल्याण की दिशा में किए गए हमारे पूर्वजों की परंपरा को महासभा ने आगे बढ़ाया है. एक बार फिर हर्ष के साथ अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के चुनावों की प्रक्रिया का शुभारंभ कर रहा हूं. आगामी चुनावों के लिए 29 सदस्यीय समिति महासभा के चुनावों की प्रक्रियाओं का संचालन करेगी. समाज के सभी लोगों से प्रार्थना करता हूं कि लोकतांत्रिक प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए और समाज को और बुलंदियों तक ले जाने के लिए चुनाव में बढ़-चढ़ कर भाग लें.
"लोगों पर नहीं दिलों पर राज करना है" :कुलदीप बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि “शहंशाही नहीं इंसानियत अदा कर मेरे प्रभु, मुझे लोगों पर नहीं दिलों पर राज करना है.” मैंने ईमानदारी से पिछले 12 वर्षों से अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया. निजी कारणों की वजह से अब मैं संरक्षक पद से त्यागपत्र दे रहा हूं. सभी साधु संतों और समाज के सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने स्व. चौ. भजनलाल जी के बाद मुझ पर विश्वास जताया. समाज के लिए आगे भी मैं 24 घंटें तैयार रहूंगा.