रांची: झारखंड विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान हेमंत सोरेन के द्वारा विपक्ष को 8.5 एकड़ जमीन उनके नाम से होने के साक्ष्य के रूप में दस्तावेज दिखाने की चुनौती पर सियासत गर्म है. मंगलवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पलटवार करते हुए एक वीडियो जारी किया है जिसमें बरियातू की विवादित जमीन के चौकीदार संतोष मुंडा के द्वारा यह बताया जा रहा है कि यह जमीन हेमंत सोरेन की है.
बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सोरेन परिवार की आदतन गड़बड़ करने की फितरत है. जैसा वर्तमान है वैसे ही उनके परिवार का अतीत भी है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने अपनी काली कमाई को छिपाने के लिए जमीन में पैसे को इन्वेस्ट करने का तरीका अपनाया है, जिसके तहत बरियातू स्थित पत्थर के चाहरदीवारी से घिरी 8.50 एकड़ जमीन को हेमंत सोरेन ने किसी और के नाम से खरीदा.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 7 अगस्त 2023 को ईडी ने पहला समन हेमंत सोरेन को भेजते हुए 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया. स्वाधीनता दिवस समारोह के कारण वह हाजिर नहीं हुए, लेकिन ईडी की कार्रवाई को जान गए. 16 अगस्त 2023 को राजकुमार पाहन नाम के व्यक्ति ने आवेदन किया कि उक्त जमीन उनके अधीन है और दूसरे अधिकृत व्यक्ति का नाम इस जमीन से खारिज किया जाए. उसी दिन इस पत्र को क्षेत्रीय अधिकारी के पास भेज दिया जाता है और 9 जनवरी 2024 को क्षेत्रीय अधिकारी से रिपोर्ट मांग कर आगे की कार्रवाई की जाती है. 11 जनवरी 2024 को रिपोर्ट से पता चलता है कि संतोष पाहन वहां 5- 6 साल से परिवार के साथ रह रहा है, जमीन का खतियान पाहन परिवार के नाम दर्ज है. जमीन भुईहरि है. बेची नहीं जा सकती है, साथ ही यह भी पता चलता है कि पंजी संभवतः ईडी को हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर भी मिले हैं.