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राहुल तुरी ने टीएसपीसी छोड़कर बनाया था अपना गैंग, आखिरकार पुलिस की गोली का हुआ शिकार - GANGSTER RAHUL TURI

पुलिस को चुनौती देने वाला राहुल तुरी पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया. पूरे कोयलांचल में उसका आतंक था.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 11, 2025, 10:57 PM IST

रांची: 26 साल की उम्र में पुलिस को बड़ी चुनौती देने वाला और यह स्लोगन देने वाला की 'खौफ नहीं है किसी के बाप का,जो दिल में आएगा वही करेगा' आखिरकार पुलिस की गोली का शिकार हो गया. उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को छोड़कर अपना संगठन बनाकर कोयलांचल में आतंक फैला रहे राहुल तुरी उर्फ आलोक जी अपराध की जगत में सिक्का चलाने की हसरत लिए पुलिस की बारूद का शिकार हो गया.

कुख्यात हो चला था राहुल

गिरोह का सरगना आलोक उर्फ राहुल तुरी का अंजाम वही हुआ जो एक दिन किसी अपराधी का होता है. रांची के खलारी, चतरा के पिपरवार और आसपास इलाके का आतंक राहुल तुरी शनिवार को कुजू में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. राहुल हाल के दिनों में कोयलांचल में पुलिस के लिए चुनौती के रूप में उभरा था, राहुल रांची सहित कई जिलों में कई आपराधिक घटनाओं का अंजाम देकर सुर्खियों में आया था.

ज्ञात हो कि 21 दिसंबर को बुढ़मू पुलिस ने आलोक गिरोह के राहुल तुरी के घर खलारी के गुलजार बाग में कुर्की-जब्ती की थी. जिसके विरोध में आलोक गिरोह ने 22 दिसंबर को खलारी थाना क्षेत्र के राय निर्मल महतो चौक पर तीन हाइवा में आग लगा दी और फायरिंग करते हुए मौके पर मौजूद कई लोगों की पिटाई की थी. 21 दिसंबर को कुर्की-जब्ती के बाद से राहुल का घर खाली पड़ा था. राहुल के पुलिस मुड़भेड़ में मारे जाने के बाद खलारी गुलजारबाग स्थित घर में सन्नाटा पसर गया है. घर के आसपास रहनेवाले लोग कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं.

खलारी का रहने वाला राहुल तुरी मैट्रिक पास था

42 वर्षीय राहुल तुरी खलारी के गुलजारबाग का निवासी था. वह मैट्रिक पास था उसका पिता छोटन तुरी अभी जेल में है, वह टीएसपीसी से जुड़ा था. बुढ़मू में पुलिस दल पर हमला करने सहित कई आपराधिक कांडों में वह संलिप्त था. छोटन तुरी वर्षों पूर्व ओडिशा में एक बैंक डकैती कांड लूट के रुपये के साथ पकड़ाया था. जेल की सजा काटकर आने के बाद कुछ दिन सामाजिक कार्यों में लगा रहा. बाद में छोटा टीएसपीसी से जुड़ गया. ग्रामीण बताते हैं कि राहुल तुरी पढ़ने में तेज था, परंतु बाद में पिता छोटन तुरी के मार्ग चल निकला. पिता छोटन ने ही राहुल तुरी को अपराध की दुनिया में ले गया था.

आलोक गिरोह ने दिया था कई घटनाओं अंजाम

25 नवंबर 2024 से खलारी-पिपरवार थाना क्षेत्र में नया अपराधी संगठन आलोक गिरोह का आतंक शुरू हुआ था 25 नवंबर को आलोक गिरोह ने धमधमिया में बालू लदे ट्रक को आग के हवाले कर दिया और फायरिंग की थी. वहीं उसी सुबह हुटाप में सैलरी लोड कर रहे ट्रक को आग के हवाले कर दिया और फायरिंग की थी. चार दिसंबर को आलोक गिरोह ने बचरा में एक हाइवा डंपर को आग लगा दी थी. 10 दिसंबर को दो जगह पर मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. डकरा में स्क्रैप कटिंग का काम करनेवाले मजदूरों को पीटा और अहले सुबह चुरी बालू घाट पर ट्रैक्टर चालकों की पिटाई की थी.

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रांची: 26 साल की उम्र में पुलिस को बड़ी चुनौती देने वाला और यह स्लोगन देने वाला की 'खौफ नहीं है किसी के बाप का,जो दिल में आएगा वही करेगा' आखिरकार पुलिस की गोली का शिकार हो गया. उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को छोड़कर अपना संगठन बनाकर कोयलांचल में आतंक फैला रहे राहुल तुरी उर्फ आलोक जी अपराध की जगत में सिक्का चलाने की हसरत लिए पुलिस की बारूद का शिकार हो गया.

कुख्यात हो चला था राहुल

गिरोह का सरगना आलोक उर्फ राहुल तुरी का अंजाम वही हुआ जो एक दिन किसी अपराधी का होता है. रांची के खलारी, चतरा के पिपरवार और आसपास इलाके का आतंक राहुल तुरी शनिवार को कुजू में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. राहुल हाल के दिनों में कोयलांचल में पुलिस के लिए चुनौती के रूप में उभरा था, राहुल रांची सहित कई जिलों में कई आपराधिक घटनाओं का अंजाम देकर सुर्खियों में आया था.

ज्ञात हो कि 21 दिसंबर को बुढ़मू पुलिस ने आलोक गिरोह के राहुल तुरी के घर खलारी के गुलजार बाग में कुर्की-जब्ती की थी. जिसके विरोध में आलोक गिरोह ने 22 दिसंबर को खलारी थाना क्षेत्र के राय निर्मल महतो चौक पर तीन हाइवा में आग लगा दी और फायरिंग करते हुए मौके पर मौजूद कई लोगों की पिटाई की थी. 21 दिसंबर को कुर्की-जब्ती के बाद से राहुल का घर खाली पड़ा था. राहुल के पुलिस मुड़भेड़ में मारे जाने के बाद खलारी गुलजारबाग स्थित घर में सन्नाटा पसर गया है. घर के आसपास रहनेवाले लोग कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं.

खलारी का रहने वाला राहुल तुरी मैट्रिक पास था

42 वर्षीय राहुल तुरी खलारी के गुलजारबाग का निवासी था. वह मैट्रिक पास था उसका पिता छोटन तुरी अभी जेल में है, वह टीएसपीसी से जुड़ा था. बुढ़मू में पुलिस दल पर हमला करने सहित कई आपराधिक कांडों में वह संलिप्त था. छोटन तुरी वर्षों पूर्व ओडिशा में एक बैंक डकैती कांड लूट के रुपये के साथ पकड़ाया था. जेल की सजा काटकर आने के बाद कुछ दिन सामाजिक कार्यों में लगा रहा. बाद में छोटा टीएसपीसी से जुड़ गया. ग्रामीण बताते हैं कि राहुल तुरी पढ़ने में तेज था, परंतु बाद में पिता छोटन तुरी के मार्ग चल निकला. पिता छोटन ने ही राहुल तुरी को अपराध की दुनिया में ले गया था.

आलोक गिरोह ने दिया था कई घटनाओं अंजाम

25 नवंबर 2024 से खलारी-पिपरवार थाना क्षेत्र में नया अपराधी संगठन आलोक गिरोह का आतंक शुरू हुआ था 25 नवंबर को आलोक गिरोह ने धमधमिया में बालू लदे ट्रक को आग के हवाले कर दिया और फायरिंग की थी. वहीं उसी सुबह हुटाप में सैलरी लोड कर रहे ट्रक को आग के हवाले कर दिया और फायरिंग की थी. चार दिसंबर को आलोक गिरोह ने बचरा में एक हाइवा डंपर को आग लगा दी थी. 10 दिसंबर को दो जगह पर मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. डकरा में स्क्रैप कटिंग का काम करनेवाले मजदूरों को पीटा और अहले सुबह चुरी बालू घाट पर ट्रैक्टर चालकों की पिटाई की थी.

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