नागौर: जिले में डेगाना क्षेत्र के ग्राम गुढ़ा जोधा में एक दूल्हे की घोड़ी पर बिंदौली कड़ी पुलिस सुरक्षा में निकालनी पड़ी. दरअसल, दूल्हे प्रकाश जांगिड़ के परिजनों को डर था कि कहीं गांव के दबंग घोड़ी पर बैठने का विरोध नहीं कर दें. इसिलिए पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद बिंदौली निकालने के दौरान सुरक्षा दी गई.
डेगाना के गांव में पुलिस सुरक्षा के बीच निकाली बिंदौली (ETV Bharat Nagaur) तनाव की आशंका के बीच देखने लायक बात यह थी कि बिंदौली में राजपूत समाज के भी लोग शामिल हुए. दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ाने के लिए वहां 8 थानों से 120 पुलिस जवान और अधिकारी मौके पर पहुंचे. बाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ाया गया और बैंड बाजे के साथ उसकी बिंदौली निकाली गई. इस दौरान पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों व राजपूत समाज के प्रबुद्धजनों ने दूल्हे की घोड़ी की लगाम पकड़कर सामाजिक समानता का संदेश दिया.
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घोड़ी की लगाम पकड़ मंदिर तक ले गए: गुढ़ा जोधा गांव में बिगड़ते माहौल के बीच राजपूत समाज द्वारा सुखद पहल की गई. प्रधान जसवंत सिंह थाटा की अगुवाई में राजपूत समाज के लोग बिंदौली में शामिल हुए तथा बाकायदा प्रधान जसवंत सिंह घोड़ी की लगाम पकड़कर ठाकुर जी के मंदिर तक दूल्हे को ले गए. युवक के घोड़ी पर बैठने के बाद बवाल की आशंका के चलते घबराए पिता ने कलेक्टर को पत्र लिखा था. नागौर सहित प्रदेश में पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी है, जहां कई जगह दूल्हों को घोड़ी पर बैठने पर विवाद हुए हैं, इसी डर के चलते सुरक्षा मांगी.
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फेरे होने पर ली राहत की सांस:इस मामले की सूचना मिलने के बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने तुरंत नागौर एसपी एवं रियांबड़ी उपखंड अधिकारी सुरेश केएम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिस पर रियांबड़ी एसडीएम व डीएसपी मौके पर मौजूद रहे. तनाव की आशंका को लेकर अधिकारी गांव के चक्कर काटते रहे, लेकिन फेरों के बाद राहत की सांस ली. शादी 6 दिसंबर को प्रस्तावित थी और पुलिस सुरक्षा में शांति से सम्पन्न हो गई. दरअसल 2 साल पहले गांव में एक शादी के दौरान हुई छुटपुट घटना से सहमे दूल्हे प्रकाश के पिता ने सुरक्षा मांगी थी.