बीजापुर: 9 फरवरी को जवानों ने बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके में 31 माओवादियों को ढेर कर दिया. एनकाउंटर में हमारे 2 जवान भी शहीद हो गए. मारे गए 28 माओवादियों की पहचान पुलिस ने पूरी कर ली है. मारे गए सभी माओवादी हार्डकोर नक्सली थे. ज्यादातर नक्सलियों पर अलग अलग पुलिस थानों में मुकदमें दर्ज थे. बीजापुर एनकाउंटर के बाद जहां जवानों के हौसले बुलंद हैं वहीं नक्सली पूरी तरह से सदमे में हैं. इस साल का ये दूसरा बड़ा सेटबैक नक्सलियों को लगा है.
मारे गए 28 माओवादियों की पहचान पूरी:बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि नेशनल पार्क एरिया के फरसेगढ़ मुठभेड़ में मारे गये 31 माओवादियों में से 11 महिला और 17 पुरूष माओवादियों की पहचान पूरी हो चुकी है. मारे गये 28 माओवादियों के शव तय नियमों के तहत परिजनों को सौंप दिए गए हैं. मुठभेड़ में मारे गये वेस्ट बस्तर डिवीजन सचिव और डीवीसीएम हुंगा कर्मा ऊर्फ सोनकू भी शामिल है. हुंगा कर्मा साल 1996 से माओादियों के लिए काम कर रहा था. हुंगा कर्मा ऊर्फ सोनकू के खिलाफ जिला बीजापुर सहित कई थानों में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, अपहरण, कैम्प पर अटैक और पुलिस पार्टी पर हमला जैसे मामलों के 8 अपराध दर्ज थे. इसपर 3 स्थाई वारंट भी लंबित था.
9 फरवरी को हुए मुठभेड़ में जो 31 नक्सली मारे गए उसमें 6 जनवरी को कुटरु आईईडी ब्लास्ट का मास्टरमाइंड भी ढेर हुआ है. कुटरु मुठभेड़ में 8 डीआरजी के जवान शहीद हुए थे और एक सिविलियन ड्राइवर की भी जान गई थी. मुठभेड़ में मारे गए हार्डकोर नक्सली हुंगा कर्मा पर 8 लाख का इनाम था. हुंगा माओवादियों के पश्चिम बस्तर संभाग का सचिव था - पी सुंदरराज, बस्तर आईजी
हुंगा कर्मा था IED विस्फोट का मास्टरमाइंड: बस्तर आईजी ने कहा कि इनामी नक्सली हुंगा कर्मा 6 जनवरी को सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था. हुंगा कर्मा 2006 में मुरकीनार कैंप पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था. इस हमले में 11 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. सुंदरराज पी ने बताया कि 2007 में रानीबोदली कैंप पर हुए हमले को भी इसी ने अंजाम दिया था. बस्तर आईजी के मुताबिक माओवादियों के डिवीजनल कमेटी का सदस्य कर्मा उर्फ सोनकू 1996 में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हुआ था और उसके खिलाफ बीजापुर जिले के विभिन्न पुलिस थानों में पुलिस टीमों और कैंपों पर हमले, अपहरण, हत्या सहित आठ नक्सली अपराध दर्ज थे.