पटना: बिहार छात्र संघ ने गुरुवार 24 अक्टूबर को राजधानी पटना में पटना यूनिवर्सिटी से लेकर राजभवन मार्च निकाला. लेकिन, जिला प्रशासन ने कारगिल चौक पर ही मार्च में शामिल छात्रों को रोक लिया. इसके बाद छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. वहां पहुंचे दंडाधिकारी ने पांच सदस्य टीम को मिलवाने के लिए लेते गये. छात्रों का कहना था कि उन लोगों की मांगों को अविलंब पूरा किया जाए, अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा.
प्रशासन ने कर रखी थी ये तैयारी: बिहार छात्र संघ की ओर से आठ सूत्री मांग को लेकर राजभवन मार्च निकाला जाना था. मार्च कारगिल चौक से शुरू होकर जेपी गोलंबर होते हुए गुजरती. पुलिस प्रशासन ने जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग करके मार्च को रोकने की तैयारी की थी. जेपी गोलम्बर पर भारी संख्या में पुलिस बल, वाटर कैनन की गाड़ी और राइट कंट्रोल व्हीकल मौजूद था. हालांकि, प्रशासन ने कारगिल चौक पर मार्च को रोक दिया.
बिहार छात्र संघ का मार्च. (ETV Bharat) राजभवन कार्यालय खोलने की मांगः छात्रों ने बताया कि उनकी मांग है कि चार वर्षीय बीएड में आराजकता को रोका जाए, राज्य सरकार के आदेशानुसार छात्राओं एवं SC-ST के छात्रों का पीजी तक निशुल्क शिक्षा देना है लेकिन विश्वविद्यालय इन छात्रों को इससे वंचित कर रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन निःशुल्क शिक्षा देना सुनिश्चित करें. बिहार के सभी विश्वविद्यालय में राजभवन कार्यालय खोला जाए. बिहार के सभी विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव अविलंब कराया जाए, जिसमें प्राइवेट कॉलेज भी शामिल करे.
सड़क पर पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा. (ETV Bharat) "कई छात्रों को बीएड में एक नंबर से दो नंबर से फेल कर दिया गया है. हमें ग्रेस नंबर देकर पास किया जाए. सभी कोर्सों में ग्रेस मार्क देने का प्रावधान है, जिसे देखते हुए हम लोगों को भी ग्रेस मार्क देकर पास किया जाए. हमारा एक साल बर्बाद हो जाएगा."- उज्ज्वल सिंह, प्रदर्शनकारी छात्र
इसे भी पढ़ेंःPU की सीनेट बैठक में 495.71 करोड़ का बजट पास, छात्र संघ ने उठाया M.Ed की फीस बढ़ोतरी का मुद्दा - PU Senate Meeting