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दो साल बाद शिक्षक का इस्तीफा, वजह जानकर नौकरी के नाम पर पकड़ लेंगे माथा, कहेंगे- ना बाबा ना इससे अच्छा तो.. - Teacher Resignation In Samastipur - TEACHER RESIGNATION IN SAMASTIPUR

'गोलगप्पा बेच लूंगा, चाट का ठेला लगा लूंगा, चाय बेचूंगा लेकिन नौकरी नहीं करूंगा..' अक्सर प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों का यही दर्द होता है. लेकिन शायद ऐसा सोचना गलत होगा. कई लोग बिहार में सरकारी नौकरी करने बाद भी खुश नहीं हैं. विपुल कुमार की जैसी नौकरी हो तो मुश्किल से एक से दो महीने ही कर पाएंगे लेकिन इन्होंने तो पूरे 2 साल इस नौकरी को किया और अंत में सरकारी अधिकारी के रवैया के कारण छोड़ दिया. इनकी तकलीफ जानकर एक बार फिर मन में वही बातें याद आएगी कि 'नौकरी नहीं करूंगा..', पढ़ें पूरी खबर.

समस्तीपुर में शारीरिक शिक्षक का इस्तीफा
समस्तीपुर में शारीरिक शिक्षक का इस्तीफा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 24, 2024, 2:01 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 12:36 PM IST

पटनाः 'सेवा में श्रीमान अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग बिहार, मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं.' बिहार के शिक्षा विभाग के अधिकारी से परेशान एक शिक्षक ने इस्तीफा दे दिया. पूरे दो साल कष्टमय नौकरी करने के बाद आखिर में हार मान गए और अपने घर की ओर लौट गए. शिक्षक ने जिस तरह से त्याग पत्र में अपनी पीड़ा का जिक्र किया है इससे तो साफ है कि अधिकारियों की मनमानी चरम पर है.

समस्तीपुर का मामलाः बिहार में सरकारी शिक्षक का इस्तीफा का मामला समस्तीपुर से जुड़ा हुआ है. पटोरी प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय चांदपुरा में शारीरिक शिक्षक के रूप में कार्यरत विपुल कुमार वत्स ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दी. विपुल कुमार ने कम वेतन और घर से स्कूल काफी दूर रहने का कारण बताते हुए नौकरी छोड़ दी. उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को त्याग पत्र भेज दिया है और अपनी सेवा समाप्त करने की बात कही है.

मात्र 8 हजार रुपए वेतनः विपुल कुमार ने अपनी पीड़ा बताते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य एस सिद्धार्थ को पत्र लिखा. "मैं विपुल कुमार वत्स समस्तीपुर जिला अंतर्गत पटोरी प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय चांदपुरा मैं शारीरिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक के पद पर कार्यरत हूं. हमारी बहाली मासिक वेतन 8000 रुपए प्रतिमाह पर वर्ष 2022 में नियोजन इकाई के द्वारा कराई गई थी. 30 मई 2022 से मैं विद्यालय में योगदान देते आ रहा हूं."

'समय से वेतन नहीं मिलने से कर्ज में डूबा':"श्रीमान को विदित होकि हमारे घर से विद्यालय की दूरी अप-डाउन 80 किलोमीटर पड़ता है. वेतन मात्र 8000 रुपए है. उसका भी भुगतान फरवरी माह 2024 से अभी तक नहीं हो पाया है. जिस कारण मैं काफी कर्ज में डूब गया हूं. मेरे समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. मैं मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित हो रहा हूं."

समय से अब्सेंटी नहीं भेजते पदाधिकारीः विपुल कुमार ने बताया कि "प्रखंड के शिक्षा विभाग से संबंधित पदाधिकारी के द्वारा जिला शिक्षा विभाग को ससमय अब्सेंटी एडवाइस नहीं भेजना और जिला शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के द्वारा ससमय वेतन का भुगतान नहीं किया जाना काफी दुखद है. इस संबंध में हमारे स्वास्थ्य अनुदेशक साथियों के द्वारा दूरभाष व पत्राचार के द्वारा शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को सूचना देकर अवगत कराया गया."

'गाड़ी का किराया देने के लिए रुपए नहीं':शिक्षक ने बताया कि "सूचना देने के बाद भी किसी भी शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी. कहा कि इस कारण मैं काफी दुखी हूं. वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण अब मेरे पास विद्यालय आने जाने के लिए भाड़ा भी उपलब्ध नहीं है. शिक्षा विभाग के द्वारा असहयोगात्मक रवैया और गैर जिम्मेदाराना हरकतों से प्रताड़ित होकर मैं 23-7-24 को शारीरिक शिक्षा स्वास्थ्य अनुदेशक के पद से त्यागपत्र देता हूं."

लोग शिक्षा विभाग को मान रहे दोषीः शारीरिक शिक्षक विपुल कुमार ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए समस्तीपुर डीईओ, डीपीओ, पटोरी बीडीओ और बीईओ को भी प्रति भेजकर अवगत करा दिया है. शारीरिक शिक्षक का इस्तीफा इस्तीफा देने के बाद जिले में इसकी चर्चा तेज हो गयी है. लोग शिक्षा विभाग को दोषी बता रहे हैं.

साल 2022 में शिक्षकों ही हुई थी बहालीः बता दें कि बिहार में फिजिकल एजुकेशन एंड हेल्थ इंस्ट्रक्टर के पद पर साल 2022 में 6 हजार पदों पर बहाली की गयी थी. यह एक शारीरिक शिक्षक के समान ही पद है. सरकारी स्कूलों में बच्चों को योग, फिटनेस, स्वास्थ्य या कला से संबंधित जानकारी के लिए इनकी बहाली की गयी थी. इसी दौरान विपुल कुमार की भी बहाली हुई थी लेकिन दो साल नौकरी करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दी.

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Last Updated : Jul 25, 2024, 12:36 PM IST

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