पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित बिहार विधान परिषद के 11 सदस्यों का कार्यकाल 6 मई 2024 को समाप्त हो रहा है. इन सीटों को भरने के लिए इसी महीने चुनाव की घोषणा हो सकती है. बिहार में बदली राजनीतिक परिस्थितयों के बीच लोकसभा चुनाव से पहले यह चुनाव महत्वपूर्ण हो गया है. खाली होने वाली सीटों में जदयू की चार सीट है, लेकिन विधायकों की संख्या बल के हिसाब से केवल दो सीट प्राप्त होगी. जदयू को दो सीट का नुकसान होना तय है. ऐसे में यह चुनाव दिलचस्प हो गया है.
इनकी सीट हो रही खाली: विधान परिषद में 11 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. उसमें जदयू की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, संजय झा, खालिद अनवर और रामेश्वर महतो शामिल हैं. बीजेपी के तीन विधान पार्षद मंगल पांडेय, संजय पासवान और सैयद शाहनवाज हुसैन का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है. राजद की दो सीटों में पूर्व सीएम राबड़ी देवी और रामचंद्र पूर्वे का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्रा और जीतन राम मांझी के बेटे और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन का कार्यकाल भी मई में समाप्त हो रहा है.
क्या बन रहा है समीकरणः इन सब का चयन विधायकों के द्वारा किया जाएगा. 243 विधायकों में से अभी राजद के पास 79, बीजेपी के पास 78, जदयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, वामपंथी दलों के पास 16, हम के पास 4 और एआईएमआईएम के पास एक विधायक हैं. एक निर्दलीय विधायक हैं जो जदयू का समर्थन कर रहे हैं. विधायकों की संख्या और खाली सीट के हिसाब से एक विधान परिषद सीट के लिए 22 से 23 विधायक चाहिए. इसी हिसाब से जदयू के लिए दो सीट ही जीतना संभव है. वहीं राजद को दो सीट का लाभ होगा. बीजेपी तीन सीट आसानी से जीत लेगी और जो विधायक बच जाएंगे उससे जीतन राम मांझी के बेटे को फिर से चुनेगी.