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बिहार को बाढ़ से मिलेगी राहत: नेपाल से आने वाले पानी के नियंत्रण के लिए चार नए बराज बनाएगी सरकार - Bihar government

बिहार लो लैंड वाला इलाका है. इस कारण नेपाल में जब भारी बारिश होती है तो वहां के पानी के कारण बिहार की नदियां में उफान भरने लगती हैं. इससे बिहार में अक्सर बाढ़ आ जाती है. नेपाल में अभी हाई डैम की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है, जिसके बाद जल संसाधन विभाग ने नेपाल से आने वाले पानी के नियंत्रण के लिए चार बराज बनाने का निर्णय लिया है. पढ़ें, विस्तार से.

विजय कुमार चौधरी, मंत्री
विजय कुमार चौधरी, मंत्री (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 30, 2024, 3:57 PM IST

विजय कुमार चौधरी, मंत्री (ETV Bharat)

पटनाः नेपाल में होने वाली बारिश से बिहार में होने वाली तबाही को रोकने के लिए बिहार सरकार ने चार बराज बनाने का निर्णय लिया है. जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय चौधरी ने शुक्रवार 30 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नेपाल में हाई डैम बनने का प्रस्ताव कई सालों से है, लेकिन वहां फिलहाल हाई डैम बनने की उम्मीद नहीं दिख रही है. जिसके बाद बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि नेपाल से आने वाली चार नदियों में चार जगह पर बराज बनाए जाएंगे.

"कोसी नदी पर डगमारा में, गंडक नदी पर अरेराज में, महानंदा नदी पर मसान में और बागमती नदी पर डिंग में बराज बनाया जाएगा. डीपीआर तैयार किया जा रहा है. बाढ़ नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी राशि दी है और हम लोग सोच रहे हैं कि नेपाल से आने वाले बाढ़ के पानी से जो नुकसान होता है उसे रोकने के लिए इन चार जगह पर बड़े बराज बनाया जाएं, जिससे कि बाढ़ के पानी को नियंत्रित किया जा सकता है."- विजय कुमार चौधरी, मंत्री

नेपाल में नहीं बन रहा हाईडैमः विजय चौधरी ने कहा कि नेपाल सरकार से भारत सरकार की कई बार हाई डैम बनाने को लेकर बातचीत हुई है. वर्ष 2004 में वहां संयुक्त रूप से विराटनगर में कार्यालय भी खोले गए हैं, लेकिन जहां भी सर्वे करने जाती है लोग हंगामा करने लगते हैं. यही कारण है कि नेपाल में हाई डैम बनाना मुश्किल हो रहा है. यही सोचकर बिहार सरकार ने अब बिहार में ही नेपाल से आने वाली चार नदियों पर बराज बनाने का निर्णय लिया है.

पुल गिरने की घटना से सरकार चिंतितः मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हाल के दिनों में जो बिहार में पुल गिरने की घटना हुई है, उसको लेकर भी जल संसाधन विभाग में एक मानक तैयार किया है. नदी हो या नगर हो जहां पर भी पुल का निर्माण होगा, सबसे पहले गाद को हटाने के बाद ही पिलर बनाया जाएगा. अब जो भी एजेंसियां या जो भी विभाग पुल निर्माण करेगा निश्चित तौर पर उन्हें इस नीति का पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि नदी के गाद के ऊपर से ही कई जगहों पर पीलर बना दिया गया था, वह भी पुल गिरने का एक कारण हुआ था.

मजबूत पुल बनाने की तैयारीः जल संसाधन मंत्री ने कहा कि विभाग के जो इंजीनियर होंगे वह निगरानी करेंगे. वह बताएंगे कि कितनी फीट नीचे तक पिलर को देना है. इस तरह की नीति भी जल संसाधन विभाग में बनायी है. उन्होंने कहा कि वैसे हमारा विभाग नहर पर ही पुल का निर्माण करवाता है, लेकिन इसको लेकर भी मानक जो है वह तय कर दिए गए हैं कि जो पुल का निर्माण होगा ऐसे करने से पुल और ज्यादा मजबूत बनेगा.

खेतों में नहर का पानी पहुंचाने की तैयारीः मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचे इसको लेकर भी विभाग काम कर रहा है. कई जगह पर नदी से नहर निकाले जा रहे हैं. जहां नहर का तटबंध कच्चा है उसे पक्के बनाए जा रहे हैं. कई नदियों के तटबंध को पक्का बनाया गया है तो जल संसाधन विभाग लगातार बार नियंत्रण के लिए काम कर रहा है. इन योजनाओं से किसानों को फायदा होगा.

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