लखनऊ: उत्तर प्रदेश के करीब 3.5 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. अब उनकी शिकायतों को पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड(UPPCL) आसानी से अनदेखा नहीं कर पाएगा. कस्टमर केयर हेल्पलाइन 1912 पर शिकायत करने के बाद उनको एक OTP मिलेगा. जब तक समस्या या शिकायत का निपटारा नहीं होगा, उतने दिन का उपभोक्ता को उसका मुआवजा भी देना होगा. यानी उपभोक्ताओं की शिकायत का बिजली विभाग बिना निपटारा किए बंद नहीं कर पाएगा. पहले 1912 पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण में सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी की व्यवस्था बिजली विभाग लागू करने को तैयार नहीं था.
उपभोक्ता परिषद की याचिका के बाद नियामक आयोग ने फटकार लगाई तो अब यह व्यवस्था लागू होने जा रही है. इसमें अब गलत बिलिंग पर अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी. इसके साथ ही बिल्डरों के उपभोक्ताओं के उत्पीड़न पर भी रोक लगेगी. इस नई व्यवस्था में अलग-अलग शिकायतों के लिए मुआवजे की दरें भी अलग हैं. उम्मीद है कि अगले साल जनवरी तक यह नया सिस्टम काम करने लगेगा. आगे पढ़िए- अगर विभाग की ओर से लेटलतीफी होती है तो नियमों में किन शिकायतों पर कितना मिलेगा मुआवजा देने का प्रावधान है.
बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को दी बड़ी राहत. (Video Credit; ETV Bharat) 3 माह के अंदर लागू करनी है व्यवस्था:उपभोक्ताओं को बिजली विभाग अब झटका नहीं दे सकेगा. झटका चाहे बिजली के गलत बिल से संबंधित तो या फिर शिकायत का झूठा निपटारा दिखा देना. तीन माह के अंदर नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी व्यवस्था लागू करने के लिए कहा है. यह व्यवस्था लागू होने से उपभोक्ताओं को ओटीपी से इस बात की गारंटी मिल जाएगी कि अब 1912 पर आने वाली शिकायतों का झूठा निस्तारण नहीं हो पाएगा. जब तक उपभोक्ता संतुष्ट नहीं हो जाएगा, तब तक वह ओटीपी नहीं देगा और शिकायत क्लोज नहीं की जा सकेगी. इस व्यवस्था के लागू होने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी.
इन शिकायतों पर मिलेगा मुआवजा :जिन शिकायतों पर मुआवजे का प्रावधान रखा गया है, उनमें घरेलू बिजली कनेक्शन, कम आपूर्ति, ट्रांसफॉर्मर खराबी, लो वोल्टेज, हाई वोल्टेज, कनेक्शन काटने, लोड घटाने, मीटर बदलने आदि शामिल हैं. अधिकतर इसी तरह की समस्याओं से उपभोक्ताओं को गुजरना पड़ता है. अब इस तरह की शिकायतें होने पर अगर निर्धारित अवधि में समाधान नहीं होता है तो उपभोक्ता 1912 पर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे. इसी के साथ एक ओटीपी जेनरेट होगा और प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा भी मिलेगा.
शिकायतें और मुआवजा
- घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए 50 रुपए प्रति दिन.
- कॉल सेन्टर से रिस्पान्स न मिलने और शिकायत नंबर न देने पर 50 रुपए.
- श्रेणी वन शहरी क्षेत्रों में कम आपूर्ति पर 20 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे.
- ग्रामीण क्षेत्रों में कम आपूर्ति पर 10 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे.
- सामान्य फ्यूज उड़ने पर 50 रुपए प्रतिदिन.
- ओवरहेड लाइन भूमिगत केबल पर 100 रुपये प्रति दिन.
- ग्रामीण ट्रांसफार्मर पर 150 रुपये प्रतिदिन.
- ट्रांसफार्मर से वोल्टेज समस्या पर 50 रुपए प्रतिदिन.
- वोल्टेज के लिए नई लाइन की जरूरत पर 100 रुपये प्रतिदिन. (उपभोक्ताओं की संख्या के आधार पर)
- वोल्टेज के लिए उपकेन्द्र की जरूरत पर 250 रुपये प्रतिदिन. (स्वीकृत होने पर)
- छह फीसद कम व ज्यादा लो वोल्टेज पर 50 रुपये प्रतिदिन.
- नौ फीसद कम व छह फीसद ज्यादा हाइवोल्टेज पर 50 रुपये प्रतिदिन.
- 12.5 फीसद कम और 10 फीसद ज्यादा ईएचवी पर 50 रुपये प्रतिदिन.
- जहां नई लाइन बनानी हो 250 रुपये प्रतिदिन. (स्वीकृत होने पर)
- अस्थायी कनेक्शन पर 100 रुपये प्रतिदिन.
- कनेक्शन के टाइटिल ट्रांसफर श्रेणी परिवर्तन पर 50 रुपये प्रतिदिन.
- स्थायी विच्छेदन, रिकनेक्शन पर 50 रुपये प्रतिदिन.
- सिक्योरिटी रिफंड, अदेयता प्रमाण पत्र पर 50 रुपये प्रतिदिन.
- बिल संबंधी शिकायत पर 50 रुपये प्रतिदिन.
- लोड घटाने बढ़ाने, कनेक्शन खत्म कराने पर 50 रूपये प्रतिदिन.
- उसी परिसर में शिफ्टिंग पर 50 रूपये प्रतिदिन.
- मीटर रीडिंग पर 200 रुपये प्रतिदिन.
- खराब, जला मीटर बदलने पर 50 रुपये प्रतिदिन.
वेबसाइट पर सार्वजनिक करनी ये जानकारी:इसके अलावा आने वाले कुछ ही दिनों में बिजली विभाग एक और सुधार करने की तैयारी में जुटा है. उपभोक्ता को दिए जाने वाले बिल को सार्वजनिक किया जाएगा. बिजली दुर्घटना होने पर निस्तारण और पीड़ित परिवार को मुआवजा कब और कितना मिला, यह जानकारी भी वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि अब ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल पर शिकायत के तुरंत बाद सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी जारी करेगा. उपभोक्ता शिकायत दूर होने के बाद बताएंगे कि उनकी शिकायत दूर कर दी गई है. इसके बाद ही उसे क्लोज किया जा सकेगा. इस व्यवस्था से शिकायतों का निस्तारण भी सही होगा और शिकायतों का निस्तारण समय से नहीं होने पर उपभोक्ता मुआवजा के लिए दावा कर सकेंगे. मुआवजे के लिए आवेदन कहां करें, इसकी विस्तृत जानकारी भी देनी होगी. सिंगल प्वाइंट कनेक्शन लेकर बिल्डर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करते हैं. नियामक आयोग ने अब इस पर भी रोक लगाने की व्यवस्था की है. बिजली कंपनियों को ईमेल व्हाट्सएप व अन्य ऑनलाइन माध्यम से बिल की डिलीवरी की अनुमति दी गई है. शर्त यह होगी कि बिलिंग की जानकारी के साथ ही उस पर बिल के लिए अधिकृत प्रतिनिधि का हस्ताक्षर होगा.
क्या कहते हैं एमडी :उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार का कहना है कि उपभोक्ता हित में ऊर्जा विभाग लगातार नई-नई योजनाएं ला रहा है. बिजली बिल की शिकायतें हों या फिर बिजली कटौती से संबंधित शिकायतें, सभी का निस्तारण करने के लिए हेल्पलाइन 1912 स्थापित है. बाकायदा शिकायत दूर न होने पर मुआवजे का प्रावधान है. सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा उपभोक्ता हित में कई अन्य फैसले लिए जा रहे हैं.
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