जैसलमेर.इन दिनों समूचा राजस्थान सूर्य की तपिश तले उबल रहा है. आलम यह कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं. वहीं, 23 व 24 मई को राज्य के जैसलमेर जिले में वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की गई. इस दौरान वनकर्मी वाटर पॉइंट के समीप मचान बनाकर वन्यजीवों की गणना करते नजर आए. दरअसल, जिले में कुल 42 वाटर पॉइंट पर वन्यजीवों की गणना की गई. यह गणना 23 मई को सुबह 8 बजे से 24 मई को सुबह 8 बजे तक डेजर्ट नेशनल पार्क यानी डीएनपी क्षेत्र में की गई. इस बीच सबसे खास बात यह रही कि वनकर्मी भीषण गर्मी के बीच पूरे 24 घंटे मचान पर बैठकर वन्यजीवों की गणना करते दिखे.
नजर आए 64 गोडावण : विलुप्ति की दहलीज पर खड़े राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण को लेकर इस गणना में सुखद खबर सामने आई है. ब्रीडिंग सेंटर राज्य पक्षी गोडावण का कुनबा बढ़ने के साथ ही अब फील्ड में भी गोडावण की अच्छी संख्या आने की संभावना तेज हो गई है. वाटर हॉल पद्धति से की गई वन्यजीवों की गणना के दौरान इतिहास में पहली बार राज्य पक्षी गोडावण की संख्या 64 दर्ज की गई है. इसको लेकर वन्यजीव प्रेमी खासा उत्साहित हैं. जैसलमेर डीएनपी के डीएफओ आशीष व्यास ने बताया कि इस बार वाटर हॉल पद्धति से हुई गणना में रामदेवरा में 21 और जैसलमेर जिले के सुदासरी, गजई माता, जामड़ा, चौहानी, सिपला और बरना क्षेत्र में 43 गोडावण के अलावा कई तरह के अलग-अलग वन्यजीव नजर आए.
इसे भी पढ़ें -'द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड' के सरंक्षण की कोशिश, सरकार ने वन विभाग को अलॉट की जमीन