चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 4 अक्टूबर को मतगणना है. हरि लोकसभा के नतीजे आने के बाद ही सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए थे. हरियाणा में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सरकार जरूर बनाई थी लेकिन बहुमत से दूर रह गई थी. जेजेपी के साथ गठबंधन करके किसी तरह सरकार चल गई. 2024 में भी बीजेपी और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है.
2019 में सरकार बनाते-बनाते रह गई कांग्रेस
हरियाणा में 2019 के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया था. बीजेपी अकेले दम पर बहुमत नहीं ला सकी और केवल 40 सीटें ही जीत सकीं. बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ा मुकाबला दिया और उसकी 31 सीटें आईं थी. बीजेपी के साथ कड़े मुकाबले में कांग्रेस सरकार बनाते-बनाते रह गई.
2024 में भी बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भी बीजेपी के लिए कई मुश्किलें हैं. करीब 10 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल रहे लेकिन लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मार्च महीने में अचानक उनसे इस्तीफा ले लिया गया और नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी गई. नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं और हरियाणा में बीजेपी ओबीसी समेत गैर जाट मतदाताओं के भरोसे ज्यादा रहती है.
लोकसभा चुनाव ने खड़ी की बीजेपी के लिए मुश्किल
हरियाणा में बीजेपी को कई मोर्चे पर एक साथ जूझना पड़ रहा है. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. बीजेपी 10 में से केवल 5 सीट जीत पाई और 3 सीटें मामूली मार्जिन से जीती. विधानसभा के हिसाब से देखें तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी केवल 44 सीटों पर सबसे ज्यादा वोट पाई और कांग्रेस 42 सीटों पर वोट लेने में सबसे आगे रही. कई सीटों पर कांग्रेस मामूली अंतर से पिछड़ी. इस लिहाज से राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार भी बीजेपी के लिए राह आसान नहीं है.
विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी की चुनौतियां
हरियाणा में कई बड़े मुद्दे हैं जो बीजेपी के लिए मुश्किल बने हुए हैं. इनमें ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे कर्मचारी, फसलों पर एमएसपी गारंटी की मांग कर रहे किसान, ई-टेंडर का विरोध कर रहे सरपंच प्रमुख रूप से शामिल हैं. लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को इनका जबरदस्त विरोध देखने को मिला था. कई गांवों में बीजेपी और जेजेपी नेताओं को घुसने नहीं दिया गया था.
2019 में 21 अक्टूबर को हुई थी वोटिंग