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यूपी में आने वाले NCR के इन 8 जिलों में पराली जलाने पर सख्ती बढ़ी, AQI 450 पार तो रुकेगा भवन निर्माण, किसानों पर एक्शन

UP Government: मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ की बैठक. प्रदूषण को लेकर दिए दिशा-निर्देश.

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यूपी में पराली जाने पर अब और सख्ती. (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सरकार चिंतित है. इस वजह से प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने NCR से जुड़े UP के सभी आठ जिलों में जरूरी सख्ती करने को कहा है. सभी जिला अधिकारियों और मंडल आयुक्तों की बैठक करके आदेश दिया गया है कि सभी तरह के निर्माण कार्य रोक दिए जाएं. इसके साथ ही ऐसे किसान जो पराली जला रहे हैं और मना करने पर नहीं मान रहे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.



इन जिलों में होगी सख्तीः मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. एयर क्वालिटी के विषय पर मुख्य सचिव ने विशेष तौर पर एनसीआर के आठ मेरठ, गाजियाबाद, शामली, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, बागपत, गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारियों को निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं.



अफसरों को सख्त निर्देश: उन्होंने कहा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) में दिए गए निर्देशों का अनुपालन किया जाए.यदि किसी जनपद में एक्यूआई 449 है, तो वहां ग्रेप 4 को लागू किया जाए.450 या 451 एक्यूआई होने का इंतजार न किया जाए. उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी गाइडलाइंस के बारे में सेंस्टाइज किया जाए.

ये निर्देश भी दिएः मुख्य सचिव ने कहा कि प्रतिदिन रोड की सफाई हो और सॉलिड वेस्ट प्रतिदिन उठान हो. पानी का छिड़काव किया जाए. इसके लिए फॉग मशीन का उपयोग किया जाए. सभी तरह के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. गाइडलाइन में कौन सा एक्शन कब लिया जाएगा है, उसी के अनुरूप एक्शन लिया जाए.

योगी सरकार ज्यााद एक्यूआई वाले जिलों में रोकेगी निर्माण. (photo credit: etv bharat)
450 से ज्यादा एक्यूआई वाले जिलों में भवन निर्माण रोके जाएंगे. (photo credit: etv bharat)
सख्त एक्शन लेने के आदेशः उन्होंने कहा कि एयर क्वालिटी बायो मास के जलने, व्हीकल पॉल्यूशन और वेस्ट से प्रभावित होती है.उसमें नंबर एक बायोमास को जलाना है. उन्होंने कहा वायु प्रदूषण कम करने के लिए जो एक्शन लिए जाए वह रिफ्लेक्ट होने चाहिए.


डीएम सतर्क रहेंः उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को सतर्क रहने की जरूरत है. जिन जनपदों में पराली जलने की घटनायें अधिक हो रही हैं, वहां लोगों को पराली न जलाने के लिये अधिक से अधिक जागरूक किया जाए. इसके बावजूद न मानने पर सम्बन्धित लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए. बैठक में पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग, अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार, प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.


DAP खाद यूपी में पर्याप्तःउन्होंने कहा कि आलू उत्पादन करने वाले क्षेत्रों में डीएपी की मांग तेजी से बढ़ रही है.मांग के सापेक्ष डीएपी प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. कृषि एवं सहकारिता विभाग के द्वारा इसे ध्यान में रखते हुए डीएपी का अलॉटमेंट किया जाये. फर्टिलाइजर को लेकर संवेदनशील जनपदों पर विशेष निगरानी रखी जाये. कहीं से भी तस्करी एवं कालाबाजारी की शिकायत नहीं प्राप्त होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में रैन बसेरा की तैयारी अभी से शुरु कर दिया जाए. कोहरे के कारण सड़क पर ट्रैफिक की अव्यवस्था न हो. ट्रैफिक जाम करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए.

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