भोपाल: बैरसिया विकासखंड के सोहाया उप स्वास्थ्य केंद्र में बीते 20 सितंबर को प्रसव के बाद प्रसूता की मृत्यु हो गई थी. वहीं इलाज के दौरान नवजात शिशु की भी मौत हो गई थी. इस मामले में 5 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है वहीं एक को निलंबित किया गया है और दो लोगों की वेतनवृद्धि रोक दी गई है. कर्मचारियों की लापरवाही से मौत के आरोपों के बाद इस मामले की जांच भोपाल सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी को सौंपी गई थी. जांच के बाद उप स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है. इस मामले में सीएमएचओ ने भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की थी.
निर्धारित प्रोटोकाल के तहत नहीं कराया प्रसव
इस मामले की जांच सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने की थी. सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि "जांच में सामने आया कि प्रसव के दौरान स्वास्थ्य विभाग के निर्धारित प्रोटोकाल का पालन नहीं किया गया. विकासखंड एवं जिला स्तर पर उत्तरदायी अधिकारियों द्वारा भी अपने दायित्वों का निर्वहन गंभीरतापूर्वक नहीं किया गया. प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर सभी संबंधितों को नोटिस जारी किए गए थे. उत्तर समाधन कारक नहीं पाए जाने पर जांच रिपोर्ट कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सौंपी गई थी. जांच रिपोर्ट के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई की है."
5 बर्खास्त 1 निलंबित
सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि "उत्तर समाधन कारक नहीं पाए जाने पर आशा कार्यकर्ता, आशा पर्यवेक्षक, एएनएम, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की सेवा समाप्त की गई है. क्षेत्रीय सुपरवाइजर को निलंबित किया गया है. विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक एवं प्रभारी विकासखंड कम्युनिटी मोबइलाइजर की वेतन वृद्धि रोककर पारिश्रमिक अर्थदंड लगाया गया है. इस प्रकरण में मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी बैरसिया को मध्य प्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम 1996 के प्रावधानों के तहत विभागीय जांचकर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा को भेजा गया है."