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मध्य प्रदेश में धान, गेहूं MSP और बोनस का नया फार्मूला, किसानों को घाटा होगा या फायदा - MOHAN YADAV GOVT DHAN BONUS FORMULA

मध्य प्रदेश की मोहन यादव कैबिनेट ने संकल्प पत्र के अनुसार किसानों को बोनस देने का निर्णय लिया है. मगर MSP बोनस का फार्मूला बदला.

Mohan Yadav Govt Dhan Bonus Formula
मध्य प्रदेश में धान,गेहूं पर बोनस का नया फार्मूला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 20, 2025, 1:18 PM IST

Updated : Jan 20, 2025, 4:35 PM IST

भोपाल: मध्य भारत के दो राज्यों में बीजेपी सरकार संकल्प पत्र में किए गए वादे को पूरा करने के लिए दो अलग अलग फार्म्यूले पर काम कर रही है. जहां पड़ोसी राज्य धान किसानों को प्रति क्विंटल 3100 रुपये भुगतान करने का निर्णय ले चुकी है. केंद्र सरकार द्वारा तय 2300 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पहले ही किसानों के खातों में पहुंच चुका है. अब सरकार बचे हुए 800 रुपये प्रति क्विंटल की अंतर की राशि फरवरी महीने में किसानों के खाते में ट्रांसफर करेगी. हालांकि मध्य प्रदेश में मोहन सरकार इसके उलट संकल्प पत्र में किए गए वादे का फार्मूला बदलने की तैयारी कर रही है. अब मध्य प्रदेश में उत्पादन की बजाय बोवनी के रकबे के आधार पर किसानों को बोनस देने की तैयारी कर रही है.

धान उत्पादक किसानों को 2 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मिलेगा बोनस

मध्य प्रदेश सरकार धान उत्पादक किसानों को प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस नहीं देगी. बल्कि बोवनी के रकबे के अनुसार प्रति हेक्टेयर 2 हजार रुपये का बोनस दिया जाएगा. इस प्रस्ताव को केबिनेट में भी हरी झंडी मिल चुकी है. दरअसल अब तक मध्य प्रदेश सरकार 6.23 लाख किसानों से 40 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर चुकी है. इसमें केंद्र सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को कुल 6,489 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. अब धान उत्पादक किसानों को रकबे के हिसाब से बोनस दिया जाएगा.

गेंहू उत्पादक किसानों को भी प्रति हेक्टेयर मिलेगा बोनस

भाजपा ने चुनावी संकल्प पत्र में किसानों से 2700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी करने का वादा किया था. 20 जनवरी से मध्य प्रदेश में किसानों से गेंहू खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन शुरु होने जा रहे हैं. लेकिन गेंहू खरीदी होने से पहले ही सरकार अब किसानों को धान की तर्ज पर प्रति हेक्टेयर बोनस देने की योजना बना रही है. हालांकि अभी तय नहीं है कि गेंहू उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर कितना बोनस दिया जाएगा.

सरकार को होगी बड़ी बचत

बता दें कि सरकार यदि प्रति क्विंटल की बजाय प्रति हेक्टेयर बोनस का भुगतान करती है, तो राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी. दरअसल प्रति हेक्टेयर धान का उत्पादन 40 से 50 क्विंटल होता है. धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल है. जबकि सरकार ने संकल्प पत्र में इसे 3100 रुपये करने का वादा किया था. यानि कि यदि सरकार प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान करती है, तो प्रति हेक्टेयर 32 से 40 हजार रुपये भुगतान करना होगा. वहीं प्रति हेक्टेयर बोनस देने से सरकार को 30 से 35 हजार रुपये की बचत होगी.

बिना मिलेट्स खरीदे होगा बोनस का भुगतान

बीते 3 जनवरी को आयोजित कैबिनेट बैठक में सरकार ने रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है. बैठक में मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों को 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बोनस देने का निर्णय लिया गया था. लेकिन इंतजाम पूरा नहीं होने से सरकार मिलेट्स यानि कोदो-कुटकी की खरीदी नहीं कर सकी. ऐसे में सरकार ने किसानों को प्रति किलो के बजाय प्रति हेक्टेयर 3900 रुपये बोनस देने का निर्णय लिया है. यानि अब सरकार बिना मिलेट्स खरीदे ही किसानों को करीब 40 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी. वहीं सरकार ने अब ड्रोन से धान के खेतों का सर्वे कराने का निर्णय भी लिया है.

Last Updated : Jan 20, 2025, 4:35 PM IST

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