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मध्य प्रदेश में 60 साल में रिटायर नहीं होंगे डॉक्टर, मोहन यादव ने बढ़ा दी रिटायरमेंट की उम्र - MADHYA PRADESH AYURVEDA PARV 2025

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आयुर्वेद शुभारंभ पर कई बड़े ऐलान किए. सीएम ने आयुष डॉक्टर्स की रिटायरमेंट उम्र को बढ़ा दिया है.

MADHYA PRADESH AYURVEDA PARV 2025
मध्य प्रदेश में 60 साल में रिटायर नहीं होंगे डॉक्टर (Mohan Ydava X Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 20, 2025, 5:27 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश के आयुष विभाग से जुड़े डॉक्टर्स और कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से 65 साल होने जा रही है. भोपाल के शासकीय पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक संस्थान में तीन दिन चलने वाले अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी रिटायरमेंट की उम्र 65 साल करने में कोई परेशानी नहीं है. मुख्यमंत्री ने उज्जैन में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नेशनल इंस्टीट्यूट खोलने का भी ऐलान किया. आयुर्वेद महासम्मेलन तीन दिनों तक चलेगा.

मुख्यमंत्री बोले आयुर्वेद की दवा से बना सीधे सीएम

अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "आमतौर पर लोग कहते हैं कि आयुर्वेद की दवाई देर से असर करती है, लेकिन मुझे तो आयुर्वेद की दवाई ने तेजी से असर किया. मेरे पास आयुष विभाग था, इसके बाद सीधे मुख्यमंत्री बन गया. मुख्यमंत्री ने कहा आयुर्वेद हजारों साल पुरानी परंपरा है. आज पूरी दुनिया आयुर्वेद की तरफ देख रही है. देश के प्रधानमंत्री तो आज इसके ब्रांड एंबेसडर हैं. उन्होंने हर मोर्चे पर आयुर्वेद को प्रमोट किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में आयुर्वेद को जानने और समझने के लिए दुनिया की जिज्ञासा बढ़ रही है. इसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती जा रही है. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि आयुर्वेद के मूल भाव को हम बनाए रखें. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद से ही एक ही विश्वविद्यालय में सभी तरह के कोर्सेस पढ़ाने की अनुमति दी गई है."

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किए कई ऐलान

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष इंडस्ट्री और आयुर्वेद में काम करने वाले सभी संस्थानों को उज्जैन में भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.
  • मुख्यमंत्री ने उज्जैन में आयुष के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने की मांग पर भी अपनी सहमति दे दी. उन्होंने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा.
  • मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग के डॉक्टर्स और कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल किए जाने पर भी अपनी सहमति जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे 60 से 65 साल करने में कोई परेशानी नहीं है.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी और चिकित्सा में हिंदी पर पढ़ाई शुरू हुई है. यूनानी शिक्षा भी हिंदी में पढ़ाई जानी चाहिए. इसको लेकर तैयारी की जाए.

स्किल सेल एनीमिया पर रिचर्स करें

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि "आयुर्वेद में रिसर्च की बहुत जरूरत है. इस दिशा में काम शुरू हुआ है. प्रदेश में हमने शासकीय खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज को पतंजलि, एम्स भोपाल और मैनिट के साथ भी जोड़ा है. इनके साथ मिलकर कई रिसर्च वर्क किए जा रहे हैं. हालांकि कई क्षेत्र में रिसर्च की बहुत जरूरत है. प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी समस्या है. इसको लेकर आयुर्वेद में रिसर्च होनी चाहिए, ताकि सिकल सेल से छुटकाया पाया जा सके.

आयुर्वेद चिकित्सक का वेतन बढ़ाया जाए

कार्यक्रम में आए पद्मश्री और पद्मभूषण देवेन्द्र त्रिगुणा ने कार्यक्रम में कहा कि "प्रदेश में आयुर्वेद को आगे ले जाने की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं. प्रदेश में करीबन 30 से 40 यूनिवर्सिटी हैं. कई कॉलेज हैं, लेकिन प्रदेश में एक आयुष यूनिवर्सिटी भी बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सकों और डिस्पेंसरी का वेतन बहुत कम है, उन्हें भी दूसरे डॉक्टरों की तरह वेतन दिया जाना चाहिए. दूसरे कई राज्यों में इसमें सुधार किया गया है.

भोपाल: मध्य प्रदेश के आयुष विभाग से जुड़े डॉक्टर्स और कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से 65 साल होने जा रही है. भोपाल के शासकीय पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक संस्थान में तीन दिन चलने वाले अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी रिटायरमेंट की उम्र 65 साल करने में कोई परेशानी नहीं है. मुख्यमंत्री ने उज्जैन में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नेशनल इंस्टीट्यूट खोलने का भी ऐलान किया. आयुर्वेद महासम्मेलन तीन दिनों तक चलेगा.

मुख्यमंत्री बोले आयुर्वेद की दवा से बना सीधे सीएम

अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "आमतौर पर लोग कहते हैं कि आयुर्वेद की दवाई देर से असर करती है, लेकिन मुझे तो आयुर्वेद की दवाई ने तेजी से असर किया. मेरे पास आयुष विभाग था, इसके बाद सीधे मुख्यमंत्री बन गया. मुख्यमंत्री ने कहा आयुर्वेद हजारों साल पुरानी परंपरा है. आज पूरी दुनिया आयुर्वेद की तरफ देख रही है. देश के प्रधानमंत्री तो आज इसके ब्रांड एंबेसडर हैं. उन्होंने हर मोर्चे पर आयुर्वेद को प्रमोट किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में आयुर्वेद को जानने और समझने के लिए दुनिया की जिज्ञासा बढ़ रही है. इसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती जा रही है. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि आयुर्वेद के मूल भाव को हम बनाए रखें. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद से ही एक ही विश्वविद्यालय में सभी तरह के कोर्सेस पढ़ाने की अनुमति दी गई है."

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किए कई ऐलान

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष इंडस्ट्री और आयुर्वेद में काम करने वाले सभी संस्थानों को उज्जैन में भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.
  • मुख्यमंत्री ने उज्जैन में आयुष के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने की मांग पर भी अपनी सहमति दे दी. उन्होंने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा.
  • मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग के डॉक्टर्स और कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल किए जाने पर भी अपनी सहमति जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे 60 से 65 साल करने में कोई परेशानी नहीं है.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी और चिकित्सा में हिंदी पर पढ़ाई शुरू हुई है. यूनानी शिक्षा भी हिंदी में पढ़ाई जानी चाहिए. इसको लेकर तैयारी की जाए.

स्किल सेल एनीमिया पर रिचर्स करें

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि "आयुर्वेद में रिसर्च की बहुत जरूरत है. इस दिशा में काम शुरू हुआ है. प्रदेश में हमने शासकीय खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज को पतंजलि, एम्स भोपाल और मैनिट के साथ भी जोड़ा है. इनके साथ मिलकर कई रिसर्च वर्क किए जा रहे हैं. हालांकि कई क्षेत्र में रिसर्च की बहुत जरूरत है. प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी समस्या है. इसको लेकर आयुर्वेद में रिसर्च होनी चाहिए, ताकि सिकल सेल से छुटकाया पाया जा सके.

आयुर्वेद चिकित्सक का वेतन बढ़ाया जाए

कार्यक्रम में आए पद्मश्री और पद्मभूषण देवेन्द्र त्रिगुणा ने कार्यक्रम में कहा कि "प्रदेश में आयुर्वेद को आगे ले जाने की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं. प्रदेश में करीबन 30 से 40 यूनिवर्सिटी हैं. कई कॉलेज हैं, लेकिन प्रदेश में एक आयुष यूनिवर्सिटी भी बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सकों और डिस्पेंसरी का वेतन बहुत कम है, उन्हें भी दूसरे डॉक्टरों की तरह वेतन दिया जाना चाहिए. दूसरे कई राज्यों में इसमें सुधार किया गया है.

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