कोलकाता: आरजी कर रेप और हत्या मामले में कोर्ट ने सोमवार को सजा का ऐलान कर दिया गया है. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है. हालांकि, उन्होंने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है
इससे पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में संजय रॉय को अदालत ने दोषी करार दिया था.फैसला सुनाने से से पहले अदालत ने आरोपी संजय रॉय को बोलने का मौका दिया. इस दौरान संजय रॉय ने अदालत से कहा, "मुझे फंसाया जा रहा है, मैंने कोई अपराध नहीं किया."
वहीं, अपनी दलील में संजय रॉय के वकील ने कहा कि दोषी को फांसी की जगह कोई और सजा दी जानी चाहिए. भले ही यह दुर्लभतम मामला हो, लेकिन सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए. अदालत को यह देखना होगा कि दोषी क्यों सुधार के लायक नहीं है. साथ ही सरकारी वकील को सबूत पेश करने होंगे और कारण बताने होंगे कि व्यक्ति क्यों नहीं सुधर सकता.
कौन है संजय रॉय?
बता दें कि संजय रॉय ने 2019 में कोलकाता पुलिस के तहत आपदा प्रबंधन समूह के लिए स्वयंसेवा करना शुरू किया था. बाद में उचित प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद वह कल्याण प्रकोष्ठ में चला गया. इस दौरान उसने कोलकाता पुलिस की चौथी बटालियन में आवास हासिल कर लिया. इस आवास की बदौलत उसे आरजी कर अस्पताल में तैनात किया गया.
गर्भवती पत्नी पर हमला करने का आरोप
रॉय अक्सर अस्पताल की पुलिस चौकी पर मौजूद रहता था, जिससे उसे सभी विभागों में एक्सेस करना आसान हो गया. जानकारी के मुताबिक संजय रॉय ने की कई शादियां की, लेकिन सभी असफल रहीं. उसके खिलाफ पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज थे. उसके पिछले आपराधिक रिकॉर्ड में 2022 में अपनी गर्भवती पत्नी पर हमला करना और एक महिला चिकित्सक के साथ अनुचित व्यवहार करना शामिल था.
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