भोपाल :नगर निगम भोपाल में करीब 3 महीने बाद शुक्रवार को परिषद बैठक का आयोजन किया गया. इसमें नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मनमानी का मुद्दा जमकर उछला. विपक्ष के पार्षदों ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. इस दौरान आईएएस निधि सिंह द्वारा जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाने का मुद्दा भी गरमा गया. विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों के पार्षद बैठक में निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने के लिए हंगामा करने लगे. जिसके बाद अध्यक्ष ने निधि सिंह को नगर निगम भोपाल से हटाने के लिए प्रस्ताव रखा. जिसका सभी 85 पार्षदों ने समर्थन किया. इसके साथ ही इस निंदा प्रस्ताव का नोट उनकी सर्विस बुक में रिकार्ड करने के निर्देश भी दिए गए.
अवैध पार्किंग संचालकों पर होगी एफआईआर
परिषद बैठक में अवैध पार्किंग स्थलों का भी मुद्दा उठा. निर्दलीय पार्षद पप्पू विलासने न्यू मार्केट में चल रही प्रीमियम पार्किंग का ठेका निरस्त करने की मांग की. उन्होंने बताया "टीटी नगर और न्यू मार्केट में अवैध पार्किंग स्थलों का संचालन हो रहा है. लोग वसूली करते हैं और इसका राजस्व भी नगर निगम के पास नहीं पहुंचता." पप्पू विलास के बाद कांग्रेस पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्डू ने भी एमपी नगर समेत अन्य स्थानों पर चल रही अवैध पार्किंग स्थलों पर कार्रवाई करने की मांग. इसमें अन्य पार्षदों ने भी समर्थन किया और अवैध पार्किंग चलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की.
आरोप-नगर निगम के एई नहीं उठाते फोन
कांग्रेस पार्षद सरवरने कहा "आज के समय शहर के विभिन्न इलाकों में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं. पिछली बैठक में कहा गया था कि दीपावली तक शहर की सभी स्ट्रीट लाइट का मेंटनेंस कर दिया जाएगा. लेकिन अब तक इन लाइट को दुरुस्त नहीं कराया गया. नए शहर के एई आशीष श्रीवास्तव को यदि फोन लगाओ तो उठाते नहीं. पूराने शहर के प्रभारी पवन वर्मा को लगाने पर वह भी जबाव नहीं देते." सरवर ने कहा कि जनता हमारे पास आती है. हमारे पास पानी, बिजली और सड़क की जिम्मेदारी है. लेकिन हम ये सुविधाएं भी जनता को नहीं दे पा रहे.
नगर निगम आयुक्त नहीं देते मिलने का समय
पार्षद पप्पू विलासने बताया "नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण से किसी जनहित के मामले में मिलने जाएं तो वो लंबा इंतजार कराते हैं. यदि बाहर गार्ड को पर्ची देते हैं, तो जबाव आता है कि अभी जरूरी बात चल रही है. हम पार्षद हैं, नगर निगम के अंग है. यदि कोई जरूरी बात है तो हमारे सामने भी हो सकती है." इस दौरान अन्य पार्षदों ने भी निगम आयुक्त के रवैये पर एतराज जताया.