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भोपाल हाट में आज से राज्य स्तरीय वन मेले का आयोजन, 120 स्टॉल लगाए जाएंगे, बनेगी ओपीडी

MP Forest Fair Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज से वन मेले की शुरुआत होगी. इस मेले में विक्रय हेतु 120 स्टॉल स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें मध्यप्रदेश के 19 वनधन केंद्र एवं 55 जिला यूनियन के स्टॉल मुख्य रूप से रहेंगे.

Van Mela 20 OPD Stalls
madhya pradesh van mela start

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 11:42 AM IST

Updated : Jan 24, 2024, 12:27 PM IST

भोपाल हाट में राज्य स्तरीय वन मेले का आयोजन

भोपाल।राजधानी भोपाल के हाट में 24 जनवरी से वन मेले का आयोजन होने जा रहा है. मध्य प्रदेश वन पर्सन का कहना यह है कि ''हमारे द्वारा लगातार विगत कई वर्षों से वन उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव के चक्कर में यह आयोजन नहीं हो पाया था. लेकिन अब 2024 में हम अलग स्थान पर आयोजन कर इस कार्यक्रम को सफल बनाएंगे.'' मध्य प्रदेश लघु वनोपज से समृद्धि थीम पर आधारित वन मेले का शुभारंभ 24 जनवरी को सांय 5 बजे राज्यपाल महोदय मंगु भाई पटेल के मुख्य आतिथ्य एवं वन मंत्री नगर सिंह चौहान की अध्यक्षता में होगा.

मेले में लगेंगे खाने के स्टॉल

इस मेले में विक्रय हेतु 120 स्टॉल स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें मध्यप्रदेश के 19 वनधन केंद्र एवं 55 जिला यूनियन के स्टॉल मुख्य रूप से रहेंगे. साथ ही उत्तरप्रदेश व छतीसगढ़ के हर्बल उत्पाद का भी प्रतिनिधित्व अपेक्षित हैं. फूड जोन में मध्य प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों के साथ साथ श्रीअन्न से निर्मित विभिन्न व्यंजनों के भी स्टॉल लगाए जाएगे. मेले में विभिन्न शासकीय विभागों जैसे Eco tourism, Bio-Diversity Board, बांस मिशन व वन्यप्राणी आदि की गतिविधियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी.

2011 से मेले का अंतर्राष्ट्रीय विस्तार

राजधानी भोपाल में मध्य प्रदेश शासन वन विभाग एवं मप्र राज्य लघु वनोपज एवं सहकारी संघ मर्यादित द्वारा वन मेला का आयोजन वर्ष 2001 से प्रदेश स्तरीय मेले के रूप में आरंभ किया गया. वर्ष 2011 से मेले का अंतर्राष्ट्रीय विस्तार हुआ, तभी से यह वर्ष 2018 व 2020 को छोड़ प्रत्येक वर्ष के दिसम्बर माह में मेले का आयोजित किया जा रहा है. वन मेले के आयोजन का प्रादेशिक से राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक का विस्तार लघु वनोपज के वैभव एवं संपन्नता, ग्रामीण आजीविका एवं निर्भरता को प्रदर्शित करता है.

पिछले साल आचार संहिता के कारण दिसंबर माह में मेले का आयोजन नहीं किया जा सका. परंतु वन मेले की परंपरा को अनवरत रखने के उद्देश्य से इस बार जनवरी 2024 में मेले का आयोजन किया जा रहा है. मध्य प्रदेश के लगभग 1 लाख वर्ग किलो मीटर में फैले वन विभिन्न प्रकार की जनजाति समुदाय के लिए रोजगार एवं जीवनयापन का स्रोत हैं. वनों में सन्निहित कई लघु वनोपज इन जनजाति समुदाय के लिए संपदा के समान है. यह कहना भी अतिश्योत्कि नहीं होगी कि वन तथा वनोपज जन जातीय समुदाय के अस्मिता का प्रतीक हैं. विश्व स्तर पर वृद्धि की और अग्रसर आयुर्वेद की लोकप्रियता का प्राचीनतम आधार हमारे वनों में पाई जाने वाली ओषधिय जड़ी बूटियों ही हैं.

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ओपीडी के 20 स्टॉल स्थापित होंगे

चिकित्सा परामर्श मेले में परामर्श हेतु ओपीडी के 20 स्टॉल स्थापित किए जा रहे हैं. जिसमें 40 आयुर्वेदिक वैद्यों एवं चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श भी प्रदान किया जाएगा. मेले में 25 जनवरी को "लघुवानोपज से समृद्धि" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. जिसमें विभिन्न विषय प्रमुखों द्वारा आदिवासी संग्रहकर्ताओं और समिति प्रबन्धकों को लघु वनोपज से निर्मित उत्पादों के मूल्य संवर्धनए प्रसंस्करण, ब्रांडिंग और विपणन द्वारा जनजातीय उद्यमीकरण हेतु महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी.

Last Updated : Jan 24, 2024, 12:27 PM IST

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