भोपाल।शुक्रवार को नगर निगम परिषद की बैठक काफी हंगामेदार रही. कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि माफिया जनता से अवैध वसूली कर रहे हैं. रोचक बात ये रही कि भाजपा के भी कुछ पार्षद कांग्रेस के समर्थन में उतर आए और उन्होंने भी माना कि शहर में पार्किंग की अवैध वसूली चल रही है. जिसे नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी बढ़ावा दे रहे हैं.
एमआईसी सदस्य रविंद्र यति ने दी इस्तीफे की चेतावनी
शुक्रवार को बीजेपी पार्षद और एमआईसी सदस्य रविंद्र यति ने कांग्रेस पार्षदों की बात का समर्थन करते हुए नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी से कहा "आज शहर में बोट क्लब, न्यू मार्केट, 10 नंबर और एमपी नगर समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर पार्किंग की अवैध वसूली की जा रही है. इसको लेकर मैं भी नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत कर चुका हूं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई." उन्होंने आसंदी की ओर मुखातिब होते हुए कहा "अध्यक्ष जी निगम के अधिकारी संबंधित स्थानों का मुआयना करें. यदि उन्हें उक्त स्थानों पर अवैध पार्किंग नहीं मिलती तो आज सदन में इस पर सवाल उठाने वाले जनप्रतिनिधि इस्तीफा दे देंगे. वहीं यदि इन स्थानों पर अवैध पार्किंग मिलेगी तो फिर अधिकारियों को इस्तीफा देना होगा."
न्यू मार्केट में अख्तर इंटरप्राइजेस का टेंडर निरस्त
परिषद बैठक में कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने बताया कि न्यू मार्केट में ठेका कंपनी अख्तर इंटरप्राइजेस द्वारा पार्किंग की वसूली की जा रही है, जबकि उसका ठेका भी खत्म हो चुका है. लेकिन शहर में जोनल अधिकारियों की शह पर जगह-जगह पार्किंग की वसूली हो रही है. ऐसे में अख्तर इंटरप्राइजेस का ठेका निरस्त किया जाए. इस पर अध्यक्ष ने अधिकारियों से जांच कराने का आश्वासन दिया. लेकिन कांग्रेस और भाजपा के पार्षद अड़ गए कि अभी सदन में संबंधित पार्किंग का ठेका निरस्त करने का प्रस्ताव लाया जाए. इसके बाद अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव पर दोनों पक्षों की राय ली और बहुमत के आधार पर अख्तर इंटरप्राइजेस का ठेका निरस्त कर दिया.
किराए पर मिलेगी नगर निगम की प्रापर्टी
नगर निगम परिषद की बैठक में शुक्रवार को दो प्रस्ताव रखे गए. दोनों ही प्रस्तावों को बहुमत के आधार पर पारित कर दिया गया. इसमें एक प्रस्ताव 10 नंबर मार्केट में करीब डेढ़ एकड़ जमीन पर जी 3 मल्टी लेवल पार्किंग बनाने का रखा गया था. जबकि दूसरा प्रस्ताव निगम स्वामित्व के भवन, दुकान, छत, चबूतरा और बरामदे को किराए पर देने को लेकर था. इसके तहत जो भी संपत्ति 5 बार टेंडर काल करने के बाद भी नहीं बिक रही है, उसे किसी निजी उपयोग के लिए किराए पर दिया जा सकता है. हालांकि इसके लिए 10 महीने की समयसीमा निर्धारित की गई है. प्रत्येक 10 महीने में किराए में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकेगी.