भोपाल: मध्य प्रदेश में आयकर विभाग और लोकायुक्त की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार पर हमलावर है. हाल ही में बिल्डर राजेश शर्मा के पास करोड़ों की संपत्ति की बरामदगी के मामले में कांग्रेस ने एक पूर्व अधिकारी के साथ गठजोड़ का आरोप लगाया है. विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने आरोप लगाया है कि पूर्व अधिकारी और राजेश शर्मा के बीच पारिवारिक संबंध रहे हैं. पूर्व अधिकारी ने परिवार के अलग-अलग नाम से ही राजेश शर्मा के जरिए इन्वेस्टमेंट कराया है.
पीएमओ को पत्र लिखेंगे हेमंत कटारे
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करके सरकार पर आरोप लगाया कि "बीजेपी ने वादा किया था कि काला धन वापस लाया जाएगा, लेकिन मध्य प्रदेश में पीला धन यानी सोना आ गया. पहले जब कभी छापामार कार्रवाई होती थी, तो एजेंसियों को नोट गिनने के लिए मशीन बुलानी पड़ती थी, लेकिन अब एजेंसियों को तराजू बुलाने पड़ रहे हैं." उन्होंने कहा "राजेश शर्मा का जो मामला सामने आया है, उसके असली मास्टरमाइंड पूर्व अधिकारी है, क्योंकि दोनों के पारिवारिक और करीबी रिश्ते रहे हैं."
सेंट्रल पार्क प्रोजेक्ट में छेड़छाड़ की गई
हेमंत कटारे ने कहा "पूर्व अधिकारी के संरक्षण में राजेश शर्मा को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए सेंट्रल पार्क नामक प्रोजेक्ट में भोपाल मास्टर प्लान से छेड़खानी की गई. भोपाल झील से सिर्फ 50 मीटर दूर इस प्रोजेक्ट में अवैध निर्माण अभी भी चल रहा है. क्योंकि पूर्व अधिकारी और उनके परिवार की बेशकीमती भूमि यहां पर खरीदी गई है." उन्होंने कहा कि "इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या इस प्रोजेक्ट में पूर्व अधिकारी का भी काला धन लगा है. क्योंकि सेंट्रल पार्क नामक इस प्रोजेक्ट में राजेश शर्मा और एक अन्य बिल्डर ज्वाइंट वेंचर के रूप में काम कर रहे हैं और उसी ग्राम में पूर्व अधिकारी और उनके परिवार के लोगों द्वारा संपत्तियां ली गई है."