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शातिर गिरोह ने देशभर में बेच डाले 1800 खाते, करोड़ों के फर्जीवाड़े की ऐसी खुली पोल - BHOPAL FAKE BANK ACCOUNTS SCAM

साइबर अपराधियों को बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को भोपाल पुलिस ने किया गिरफ्तार.

BHOPAL FAKE BANK ACCOUNTS SCAM
फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाने मामले का पुलिस ने किया खुलासा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 17, 2024, 11:56 AM IST

Updated : Nov 17, 2024, 12:13 PM IST

भोपाल:राजधानी पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक अकाउंट खुलवाता था. गिरोह ने 1800 बैंक अकाउंट खुलवाकर उन अकाउंटों को 1.80 करोड़ रुपए में बेचने वाले बिहार के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है. गिरोह के 7 आरोपी हनुमानगंज इलाके में एक फ्लैट में कॉल सेंटर चला रहे थे. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 'उन्होंने इंदौर, भोपाल, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद में रहकर फर्जी दस्तावेज बनाए हैं. वे एक फर्जी अकाउंट 10 हजार रुपए में बेचते थे. इस मामले में बैंक और डाक कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

फर्जी कॉल सेंटर पर पुलिस ने मारा छापा

इस मामले का खुलासा करते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया, "भोपाल के हनुमानगंज थाने को एक सूचना मिली थी कि इब्राहिमगंज के एक फ्लैट में चल रहे कॉल सेंटर में कुछ संदिग्ध गतिविधि चल रही है. इसके बाद पुलिस ने वहां पर दबिश दी. आरोपी पिछले एक महीने से यहां रह रहे थे. पुलिस को मौके से बड़ी संख्या में एडिट कर तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं."

भोपाल पुलिस ने 7 आरोपियों को किया गिरफ्तार (ETV Bharat)

12वीं तक पढ़ें हैं आरोपी

भोपाल पुलिस कमिश्नर ने बताया, "आरोपियों ने इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खुलवाने और सिम खरीदने की योजना बनाई थी. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर साइबर जालसाज इन अकाउंट का इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे. आरोपियों द्वारा बेचे गए फर्जी अकाउंट से करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन के प्रमाण भी मिले है. आरोपी किसी भी शहर में 2 महीने से ज्यादा नहीं रहते थे. पकड़े गए सभी आरोपी 12वीं तक पढ़े हैं. पुलिस ने कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है."

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इस तरह से आरोपी करते थे ठगी

इस पूरे मामले में आरोपी शशिकांत देवघर झारखंड से आधार कार्ड का डाटा लेता था. इसके बाद यह आधार कार्ड को चेक करता था कि किसका पेनकार्ड बना है जिसका पैन कार्ड नहीं बना होता है, उसके लिए ऑफलाइन अप्लाई कर देता था. इसके बाद मुख्य आरोपी शशिकांत अपने साथियों अंकित, कौशल माली ,रोशन रंजन और मोहम्मद टीटू के फोटो आधार और पैन कार्ड पर फोटोशॉप के माध्यम से चस्पा कर देता था. इसके बाद कलर प्रिंट निकाल लेता था. फर्जी रूप से तैयार आधार पैन कार्ड पर अलग अलग दुकानों से सिम लेते थे और फिर बैंकों में खाता खुलवाते थे. आरोपियों से करीब 1800 बैंक अकाउंट बेचने का रिकॉर्ड मिला है. जिसमें करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया गया.

Last Updated : Nov 17, 2024, 12:13 PM IST

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