भोपाल.वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के साथ मेंटेनेंस का जिम्मा रेलवे प्रशासन ने वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का काम भेल और पश्चिम बंगाल के टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड कंसोर्टियम को दिया है. दोनों कंपनियां मिलकर 80 वंदे भारत ट्रेन के सेट तैयार करेंगी. इसके साथ ही इनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी निर्माण करने वाली संस्था की होगी. इसके पहले भी भेल में वंदे भारत के पार्ट्स बनाए जा रहे थे, लेकिन इस बार काफी बड़ा ऑर्डर मिला है.
भोपाल में वंदे भारत के पहियों की हो रही ढलाई
भेल भोपाल, झांसी और बेंगलुरु यूनिटों में वंदे भारत के लिए आइजीबीटी आधारित ट्रैक्शन कन्वर्टर, इन्वर्टर, ट्रेन कंट्रोल प्रबंधन प्रणाली मोटर, ट्रांसफॉर्मर और कोच का निर्माण चल रहा है. वहीं वंदे भारत के लिए भोपाल यूनिट में ट्रेन के पहियों की ढलाई भी की जा रही है. भेल में ट्रैक्शन मोटर का सफलता पूर्वक परीक्षण भी कर लिया गया है.
भोपाल यूनिट बनाएगी इतनी ट्रैक्शन मोटर
भेल के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल यूनिट को करीब 2560 ट्रैक्शन मोटर बनाने का ऑर्डर मिला है. ये मोटर हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के लिए उपयुक्त हैं. वंदे भारत के 16 कोच में से 8 कोच में ये मोटर लगाए जाएंगे, जिससे ट्रेन तत्काल गति पकड़ सके और इसे सुरक्षित हाईस्पीड पर चलाया जा सके. बता दें कि ट्रैक्शन मोटर एक हैवी इलेक्ट्रिक मोटर होती है, जो ट्रेन को बिजली से चलने में मदद करती है.