भोपाल:हाल में ही देश के सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म 'आलिया बसु गायब है', को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस फिल्म में कुछ आपत्तिजनक सीन को लेकर मुस्लिम धर्मावलंबी इसके विरोध में खड़े हो गए हैं. राजधानी भोपाल में भी बुधवार को इस संबंध में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने एक पत्रकारवार्ता का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से इस फिल्म का बहिष्कार करने की बात कही है. इस संबंध में फतवा भी जारी किया गया है.
यह है विवाद की वजह
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली ने बताया कि 'इस्लाम एक पवित्र धर्म है. इसमें केवल नेचुरल प्यार की बात कही गई है, लेकिन जिस तरह से फिल्म आलिया बसु गायब है, में पात्र दिखाए गए हैं, वो निंदनीय और गैर इस्लामिक है. अनस अली ने बताया कि जिस्मानी जरुरतों को पूरा करने के लिए कुदरत ने मर्द और औरत को बनाया है, लेकिन इस फिल्म में बॉलीवुड अभिनेता विनय पाठक और एक मुस्लिम एक्टर सलीम दीवान को एक-दूसरे के साथ गे और बाय सेक्सुअल अभिनय को दिखाया गया है, वो एक मुसलमान के लिए हराम है.'
फिल्म न देखने के लिए जारी किया फतवा
अनस अली ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि 'यदि फिल्मों में इस तरह के रोल मुस्लिम एक्टर करेंगे, तो उन्हें समझना चाहिए कि वो समाज को किस दिशा में लेकर जा रहे हैं. इस बारे में वो बिल्कुल नहीं सोच रहे हैं, ये शर्म की बात है. हालांकि अब यह फिल्म सिनेमाघरों में लग चुकी है. हम सेंसर बोर्ड में भी आपत्तिजनक सीन को हटाने की मांग कर रहे हैं. वहीं हमारी मुस्लिम समाज के लोगों से भी अपील है कि फिल्म 'आलिया बसु गायब है' का बायकाट करें और न तो इस फिल्म को देखने जाएं, बल्कि दूसरों को भी जाने से रोकें. इससे समाज में गलत धारणाएं पैदा होंगी और गलत कुरीतियों को बल मिलेगा. इस संबंध में ऑल इंडिया उलामा बोर्ड ने फतवा भी जारी किया है.'