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शादी के कार्ड में क्यों लिखनी पड़ी ऐसी बात? चंबल में शादी के निमंत्रण में अनोखी शर्त

भिंड में शादी का कार्ड चर्चा का विषय बना हुआ है. शादी में मेहमानों से बंदूकें न लाने के लिए कहा गया है.

BHIND UNIQUE WEDDING CARD
शादी का कार्ड बना चर्चा का विषय (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 3, 2024, 1:12 PM IST

Updated : Dec 3, 2024, 2:58 PM IST

भिंड:इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है, जिसमें एक से एक शादी के कार्ड छपवाए जाते हैं, पर चंबल की एक शादी कार्ड जमकर वायरल हो रहा है. ऐसा शादी का कार्ड आपने शायद ही कहीं देखा हो. दरअसल इस कार्ड में साफ लिखा है कि शादी में आते वक्त हथियार लेकर न पहुंचें. बता दें कि ग्वालियर चंबल से अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, जिसमें शादियों के दौरान हर्ष फायरिंग की घटनाएं होती हैं. इसी वजह से भिंड के एक परिवार ने शादी के कार्ड से लोगों को जागरूक करने का काम किया है.

यहां शान मानी जाती है बंदूकें

ग्वालियर चंबल की बात हो और बंदूकों का जिक्र ना हो तो बेमानी होगी, बंदूकों को तो चंबल में शान माना जाता है. बंदूक लाइसेंसी हो तो लोग कंधे पर शान से लटका कर चलते हैं. खुशी के मौके पर इनका उपयोग हर्ष फायर के रूप में भी होता है, लेकिन यही हर्ष फायर अक्सर खुशियों में ग्रहण लगा देती है. ऐसे में भिंड के गोहद में एक परिवार ने इस कुरीति को मिटाने की पहल की है.

शादी में शामिल होने वालों से खास निवेदन (ETV Bharat)

'शादी में ना लाएं हथियार'

भिंड के गोहद इलाके के खनेता धाम में मंदिर महंत के भतीजे गणेश का विवाह आने वाले 6 दिसंबर को है. गणेश की शादी को यादगार बनाने के साथ-साथ समाज को एक संदेश देने के लिए शादी के निमंत्रण पत्रों पर करबद्ध निवेदन छपवाया गया है. जिसमें लिखा है, "करबद्ध निवेदन है- हमारे यहां दो परिवारों के बीच प्रेम के संबंध होने जा रहे हैं, लड़ाई झगड़ा नहीं. कृपया शादी समारोह में हथियार लेकर ना आए",

शादी के कार्ड से लोगों को दिया खास संदेश (ETV Bharat)

लोगों को प्रेरित करने की पहल

शादी का यह निमंत्रण पत्र अब सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोर रहा हैं. खनेता धाम मंदिर के महंत राम भूषण दास के भतीजे सत्यदीप शर्मा कहते हैं, "अक्सर हम अखबारों में पढ़ते रहते हैं कि भिंड और मुरैना में किसी मांगलिक कार्यक्रम में हर्ष फायर हुआ और हादसे में 2 या तीन लोग घायल हो गए. कई बार इन हादसों में लोगों की जान भी चली जाती है. ऐसे में यह विचार किया कि भले ही लोग ग्वालियर चंबल अंचल में बंदूक को शान मानते हैं, लेकिन इस कुरीति को लेकर बदलाव की जरूरत है."

Last Updated : Dec 3, 2024, 2:58 PM IST

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