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डोटासरा बोले- भाजपा विधायक बने बजरी माफिया, सस्ती जमीन के लिए BJP नेताओं ने करवाया रजिस्ट्रेशन - CONGRESS TARGETS BJP

राजस्थान में भाजपा सरकार के एक साल को कांग्रेस ने बताया विफल. शार्ट फिल्म का किया प्रदर्शन. नेता प्रतिपक्ष ने सीएम पर साधा निशाना.

Congress Targets BJP
कांग्रेस का भजनलाल सरकार पर निशाना (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 6 hours ago

जयपुर: राजस्थान में भाजपा के एक साल के कार्यकाल को कांग्रेस ने विफल बताया है. कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में आज गुरुवार को प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधायक रोहित बोहरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने सरकार के एक साल को विफल बताया. इसके साथ ही कांग्रेस ने एक शार्ट फिल्म का भी प्रदर्शन किया. इसमें चुनाव से पहले भाजपा नेताओं द्वारा किए गए दावों और वादों को लेकर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया गया. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस शॉर्ट मूवी में किसान, युवा और महिलाओं की पीड़ा दिखाई गई है. बिजली पानी और खाद की किल्लत को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा गया.

राइजिंग राजस्थान समिट को जनता के साथ छलावा बताया. इस दौरान गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सस्ती या निशुल्क जमीन लेने के लिए भाजपा के कई नेताओं ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया. भाजपा के चुने हुए विधायक और जनप्रतिनिधि खनन और बजरी माफिया बन गए हैं. अवैध खनन की बजरी खपाने के लिए कई जगहों पर सड़कों के काम शुरू किए गए. टीकाराम जूली ने कहा- मुख्यमंत्री और गृह राज्यमंत्री का गृह जिला भरतपुर अपराध में अव्वल है. जबकि प्रदेश में अपराध पर काबू पाना इनकी जिम्मेदारी है.

डोटासरा-जूली ने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

पर्ची से बने सीएम, आज तक प्रशासनिक पकड़ नहीं : प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने कहा, भाजपा-आरएसएस के नेताओं से लेकर पीएम मोदी तक ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे कर सत्ता हासिल की. अब हिसाब का समय आ गया है. इन्होंने पर्ची से मुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद आज तक सीएम की प्रशासनिक पकड़ नहीं बनी. सरकार चलाने की अनुभवहीनता की गहरी चोट शासन-प्रशासन पर लगी है. सरकार बनने के बाद इन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के समय के 800 कार्यों की समीक्षा की, लेकिन आज तक परिणाम नहीं आया. पहली बार ऐसा हुआ कि जिन कार्यों की स्वीकृति निकली हुई थी और टेंडर हो चुके थे. उन्हें भी रोक दिया गया. कई काम आज तक होल्ड पर हैं.

चुने हुए विधायक बन गए खनन-बजरी माफिया : उन्होंने कहा- आज कानून व्यवस्था भी छिन्न-भिन्न है. महिलाओं-बच्चियों से दुष्कर्म और दलित उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं. प्रदेश में माफिया का आतंक बढ़ा है. खनन माफिया और बजरी माफिया में चुने हुए विधायक शामिल हो गए. अवैध खनन की बजरी खपाने के लिए सड़कों की स्वीकृति जारी की गई है. वे बोले- हमारी सरकार के समय 25 लाख रुपए का फ्री इलाज था, लेकिन अब पांच लाख कर दिया गया और वो भी नहीं मिल रहा. अरजीएचएस में सरकारी कर्मचारियों का इलाज बंद हो गया. बेरोजगारों को न तो नौकरियां मिल रही है और न ही बेरोजगारी भत्ता.

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पेपर हुए ही नहीं तो लीक कैसे होंगे : उन्होंने कहा- सरकार ने कितनी विज्ञप्तियां निकाली और कितने पेपर करवाए. सरकार पेपर करवाए तो सही, पेपर लीक नहीं हुए तो हम खुद धन्यवाद देंगे. जितना कड़ा कानून पेपर लीक पर हमने बनाया. हमने जितने पकड़े, उतने ये भी नहीं पकड़ पाए. एसआई भर्ती में पकड़े, लेकिन उसका हश्र क्या हुआ. अब ज्यादातर को जमानत मिल गई है. बच्चों को छात्रवृत्ति और बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है. हमने मुफ्त बिजली दी और फ्यूल चार्ज मुफ्त किया लेकिन इन्होंने बिजली पर फ्यूल चार्ज बढ़ा दिया.

पीएम ने वादा किया, राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं : उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर कहा कि पीएम ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था, लेकिन अब केवल नाम बदलकर इसे पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना कर दिया गया है. हमारी सरकार ने जो दस हजार करोड़ रुपए का बजट दिया था. उसी से काम हुए हैं. अब इसका शिलान्यास करने आए पीएम ने न तो राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया और न ही एक रुपए का बजट दिया. इन्होंने शेखावाटी को यमुना का पानी दिलाने का ढिंढोरा पीटा, लेकिन संशोधित डीपीआर तक नहीं बनी. अब तो पीएम मोदी हनुमानगढ़-चूरू तक नर्मदा का पानी पहुंचने का दावा कर रहे हैं. जबकि नर्मदा का पानी पश्चिमी राजस्थान के कुछ जिलों को ही मिल रहा है.

जमीन लेने के लिए भाजपा नेताओं ने ही बनाई कंपनी : डोटासरा ने कहा- सीएम को दिल्ली चक्कर लगाने के लिए एक अलग हेलीकॉप्टर ले लेना चाहिए. आज किरोड़ीलाल का क्या है. वित्त मंत्री और उद्योग मंत्री से सीएम के कैसे संबंध हैं. मंत्रियों के विधायकों से और विधायकों का जनता से कैसे संबंध है. यह सब जानते हैं. वे बोले- राइजिंग राजस्थान के नाम पर सैर सपाटे कर लिए. हर कोई सोलर प्लांट लगाने के लिए सस्ती या फ्री में जमीन मांग रहा है. इससे राजस्थान का क्या भला होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि कई भाजपा नेताओं ने ही जमीन लेने के लिए कंपनियों का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. हम यह धांधली नहीं होने देंगे. उन्होंने शिक्षा विभाग को भी यूटर्न विभाग बताया.

जूली बोले- 100 की कार्ययोजना का क्या हुआ ? : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- सरकार ने एक साल में क्या काम किया, जो वादे किए, उनकी हकीकत क्या. इनकी 100 की कार्ययोजना का क्या हुआ. एक साल बाद भी समीक्षा के लिए बनी एक भी समिति की रिपोर्ट नहीं आई. जो समितियां बनाई, वो कर क्या रही हैं. ये न तो गर्मी में जनता को बिजली-पानी दे पाए और न ही जहां ज्यादा बारिश हुई. वहां पानी की निकासी करवा पाए. सरकार किसानों को खाद नहीं दे पाई. पिछले दिनों हुए किसान सम्मेलन में कृषि मंत्री नहीं आए. इन्होंने वादा करने के बाद भी न तो किसान सम्मान निधि बढ़ाई और न ही गेहूं की एमएसपी बढ़ाई. बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद भी नहीं करवा पाए.

बुजुर्गों को पेंशन और बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं : टीकाराम जूली ने कहा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन तक नहीं दे पा रहे हैं. बच्चों को स्कॉलरशिप नहीं दे पा रहे हैं. बेरोजगारी भत्ता एक साल से बंद है. प्रदेश पर कर्जा अब तक के इतिहास का सबसे चरम पर है. भरतपुर अपराध में अव्वल है. जो सीएम, गृहमंत्री और गृह राज्य मंत्री का गृह जिला है. सरकार का इकबाल खत्म हो गया है.

सीएम को चिंता कि वसुंधरा आगे नहीं आ जाए : जूली ने कहा, कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेताओं पर मुकदमें दर्ज हो रहे हैं. कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान भी गंदा पानी फेंका गया. सरकार ने एक साल में धरना प्रदर्शन के लिए स्थान चिह्नित नहीं किया. आज कोई अपनी बात कहने के लिए धरना नहीं दे सकता है. लोकसभा में गृहमंत्री ने डॉ. अंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणी की. जबकि गृहमंत्री का बयान अपराध और मणिपुर पर बयान आना चाहिए. राजस्थान में सीएम को चिंता कि वसुंधरा राजे आगे नहीं आ जाए.

सोलर प्लांट लगने से एक रुपए का फायदा नहीं - बोहरा : विधायक रोहित बोहरा बोले, सरकार राइजिंग राजस्थान समिट में 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश एमओयू का ढिंढोरा पीट रही है. राजस्थान के पास केवल जमीन है. सोलर से कोष में एक रुपए का फायदा नहीं होगा. इसके लिए यूएई के सोवरन फंड से पैसा आना है, जो गुजरात बेस्ड इंडस्ट्री के लिए जाना है. यह सबको पता है. राइजिंग राजस्थान के नाम पर लोगों को चश्मा पहनाने का प्रयास किया है. सोलर में निवेश से हमें विलिंग चार्जेज भी नहीं मिलेंगे. सारी ऊर्जा पावर ग्रिड में जाएगी. हमें भी वहीं से खरीदनी पड़ेगी. इंडस्ट्रियल बिजली राजस्थान में सबसे महंगी. जिसके असर से भीलवाड़ा से कपड़ा उद्योग का पलायन शुरू हो गया है. ज्यादातर यूनिट मध्यप्रदेश में शिफ्ट हो रही हैं.

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