भरतपुर : केंद्रीय वित्त मंत्री ने शनिवार को 2025 के बजट में दलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की घोषणा की है. इस घोषणा से विशेष रूप से राजस्थान के दाल उत्पादक किसानों को लाभ होने की उम्मीद है. बजट में तुअर, उड़द और मसूर दालों के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके तहत सरकार ने छह साल का एक मिशन शुरू करने की योजना बनाई है, जिससे दलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा. राजस्थान में विशेष रूप से मसूर और उड़द का अच्छे पैमाने पर उत्पादन होता है. ऐसे में इन दोनों दलहन फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा.
राजस्थान में विशेष रूप से पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में दलहन उत्पादन काफी अच्छी मात्रा में होता है. अतिरिक्त निदेशक (कृषि) देशराज सिंह ने बताया कि राजस्थान के दाल उत्पादक किसान इस योजना से सीधे तौर पर लाभांवित होंगे. पश्चिमी राजस्थान और कोटा क्षेत्र में मसूर का अधिक उत्पादन होता है. पूरे प्रदेश में करीब 38 लाख हेक्टेयर में मसूर की खेती की जाती है, जो इस क्षेत्र को दलहन उत्पादन में प्रमुख बनाता है.
इसे भी पढ़ें- निर्मला सीतारमण के बजट में मिडिल क्लास की बल्ले-बल्ले, टैक्स में छूट के साथ हर मुद्दे पर बोले एक्सपर्ट
उड़द का 5.50 लाख हेक्टेयर का रकबा : देशराज सिंह ने बताया कि प्रदेश में उड़द का उत्पादन भी काफी महत्वपूर्ण है. राजस्थान में करीब 5.50 लाख हेक्टेयर में उड़द की खेती की जाती है. विशेष रूप से पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में उड़द का 40,000 हेक्टेयर का रकबा है. यह घोषणा इन किसानों के लिए खास फायदेमंद होगी, क्योंकि दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए मिशन से इनकी उपज को प्रोत्साहन मिलेगा.
इस मिशन के माध्यम से सरकार दलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को उन्नत तकनीक, बेहतर बीज और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करेगी. इससे राज्य में दलहन उत्पादन की लागत कम होगी और किसानों को बेहतर मुनाफा मिलेगा. बजट 2025 में दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की घोषणा से राजस्थान के किसान निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे, जो राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.