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ऑपरेशन विषकुंभी: हवाई जहाज से जाता मणिपुर, नशे की खेप लेकर ट्रेन से करता सफर, साथी संग गिरफ्तार हुआ सरगना - DRUG SMUGGLER ARRESTED

जोधपुर पुलिस की साइक्लोर टीम ने तस्कर सरगना को साथी संग गिरफ्तार किया है. उसे एक परिचित के फार्म हाउस से दबोचा गया.

drug smuggler arrested
साथी संग गिरफ्तार हुआ तस्कर सरगना (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 1, 2025, 5:42 PM IST

जोधपुर: जोधपुर पुलिस रेंज आईजी कार्यालय की साइक्लोनर टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नॉर्थ ईस्ट से पश्चिमी राजस्थान तक मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. 30000 का इनामी आरोपी पांच साल से बीकानेर रेंज सहित अन्य जिलों में वांछित चल रहा था. साइक्लोनर टीम ने लगातार पड़ताल कर आरोपी की टोह लेकर उसे फलोदी के पास सांवरीज गांव के एक फॉर्म हाउस से पकड़ा है.

नशे का सौदागर दबोचा (ETV Bharat Jodhpur)

रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि जोधपुर रेंज ने मादक पदार्थों के तस्करी करने वाले प्रमुख सरगनाओं को पकड़ने के लिए बड़ा अभियान चला रखा है. इसके तहत पांच साल से फरार चल रहे इनामी को पकड़ने के लिए ऑपरेशन विषकुंभी चलाया गया. इसके तहत सरगना बाड़मेर के धोरीमन्ना निवासी नरेंद्र कुमार विश्नोई और उसके सहयोगी गोपीराम बिश्नोई को शुक्रवार देर रात से शनिवार अलसुबह के बीच फार्म हाउस से पकड़ा गया.

पढ़ें: इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की आड़ में गुजरात ले जाई जा रही 15 लाख की शराब जब्त, दो तस्कर गिरफ्तार - ILLEGAL LIQUOR SEIZED

यूं बना ऑपरेशन विषकुंभी: आईजी ने बताया कि नरेंद्र पहले स्टील का व्यवसाय करता था. लेकिन उसका इस धंधे में मन नहीं लगा. उसे पता चला कि मादक पदार्थों की तस्करी में ज्यादा रुपए कमाए जा सकते हैं, तो वह इस काम में लिप्त हो गया. सबसे पहले वह गंगानगर में नशीली दवाइयों की तस्करी में आरोपी बना था. उसके बाद फरार हो गया. बीकानेर जिले में पांच किलो अफीम के साथ पुलिस ने उसके गुर्गे को पकड़ा, तो उसके सरगना होने का पता चला. मादक पदार्थ जहरीले होते हैं, इसलिए विष और नरेंद्र के पिता कुम्भाराम से शब्द लेकर ऑपरेशन विषकुंभी की रचना की गई.

पढ़ें: पाकिस्तान से लाई गई 30 करोड़ की हेरोइन मामले में फरार तस्कर 13 साल बाद गिरफ्तार - HEROINE SMUGGLING

तस्करी के लिए हवाई जहाज से जाता, ट्रेन से वापस आता: नरेंद्र को पता चल गया कि नॉर्थ ईस्ट से सस्ता मादक पदार्थ लाया जा सकता है. इसके लिए वह अपने सहयोगी के साथ हवाई जहाज से मणिपुर जाता और वहां से वापस आते समय ट्रेन का उपयोग करता. ट्रेन में मादक पदार्थ दूसरों की सीट के नीचे रख देता और खुद अलग जगह पर बैठता. पुलिस को भनक लगने के बाद वह गुजरात की ओर चला गया. वहां से सप्लाई में परेशानी होने पर फलोदी के निकट सांवरीज में अपने परिचित के फार्म हाउस में ठिकाना बना लिया.

पढ़ें: जैसलमेर में पुलिस की की सबसे बड़ी कार्रवाई, 40 लाख की स्मैक बरामद, तस्कर गिरफ्तार - SMUGGLER ARRESTED WITH SMACK

गोपीराम का फार्म हाउस बना वेयर हाउस: नरेंद्र अपने परिचित के फार्म हाउस में रहने लगा. जबकि गोपीराम का फार्म हाउस वहां से कुछ दूरी पर है. जहां से मादक पदार्थ का स्टॉक और डिलीवरी होती थी. रेंज आईजी के अनुसार गोपीराम का फार्म हाउस एक तरह से मादक पदार्थों का वेयरहाउस बन गया था. रात को पकड़े जाने के बाद गोपीराम की निशानदेही पर उसके फॉर्म हाउस पर छापा मारकर भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किए गए. इस ऑपरेशन की अगुवाई साइक्लोनर प्रभारी सब इंस्पेक्टर कन्हैयालाल और परमीत चौहान ने की.

जोधपुर: जोधपुर पुलिस रेंज आईजी कार्यालय की साइक्लोनर टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नॉर्थ ईस्ट से पश्चिमी राजस्थान तक मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. 30000 का इनामी आरोपी पांच साल से बीकानेर रेंज सहित अन्य जिलों में वांछित चल रहा था. साइक्लोनर टीम ने लगातार पड़ताल कर आरोपी की टोह लेकर उसे फलोदी के पास सांवरीज गांव के एक फॉर्म हाउस से पकड़ा है.

नशे का सौदागर दबोचा (ETV Bharat Jodhpur)

रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि जोधपुर रेंज ने मादक पदार्थों के तस्करी करने वाले प्रमुख सरगनाओं को पकड़ने के लिए बड़ा अभियान चला रखा है. इसके तहत पांच साल से फरार चल रहे इनामी को पकड़ने के लिए ऑपरेशन विषकुंभी चलाया गया. इसके तहत सरगना बाड़मेर के धोरीमन्ना निवासी नरेंद्र कुमार विश्नोई और उसके सहयोगी गोपीराम बिश्नोई को शुक्रवार देर रात से शनिवार अलसुबह के बीच फार्म हाउस से पकड़ा गया.

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यूं बना ऑपरेशन विषकुंभी: आईजी ने बताया कि नरेंद्र पहले स्टील का व्यवसाय करता था. लेकिन उसका इस धंधे में मन नहीं लगा. उसे पता चला कि मादक पदार्थों की तस्करी में ज्यादा रुपए कमाए जा सकते हैं, तो वह इस काम में लिप्त हो गया. सबसे पहले वह गंगानगर में नशीली दवाइयों की तस्करी में आरोपी बना था. उसके बाद फरार हो गया. बीकानेर जिले में पांच किलो अफीम के साथ पुलिस ने उसके गुर्गे को पकड़ा, तो उसके सरगना होने का पता चला. मादक पदार्थ जहरीले होते हैं, इसलिए विष और नरेंद्र के पिता कुम्भाराम से शब्द लेकर ऑपरेशन विषकुंभी की रचना की गई.

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तस्करी के लिए हवाई जहाज से जाता, ट्रेन से वापस आता: नरेंद्र को पता चल गया कि नॉर्थ ईस्ट से सस्ता मादक पदार्थ लाया जा सकता है. इसके लिए वह अपने सहयोगी के साथ हवाई जहाज से मणिपुर जाता और वहां से वापस आते समय ट्रेन का उपयोग करता. ट्रेन में मादक पदार्थ दूसरों की सीट के नीचे रख देता और खुद अलग जगह पर बैठता. पुलिस को भनक लगने के बाद वह गुजरात की ओर चला गया. वहां से सप्लाई में परेशानी होने पर फलोदी के निकट सांवरीज में अपने परिचित के फार्म हाउस में ठिकाना बना लिया.

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गोपीराम का फार्म हाउस बना वेयर हाउस: नरेंद्र अपने परिचित के फार्म हाउस में रहने लगा. जबकि गोपीराम का फार्म हाउस वहां से कुछ दूरी पर है. जहां से मादक पदार्थ का स्टॉक और डिलीवरी होती थी. रेंज आईजी के अनुसार गोपीराम का फार्म हाउस एक तरह से मादक पदार्थों का वेयरहाउस बन गया था. रात को पकड़े जाने के बाद गोपीराम की निशानदेही पर उसके फॉर्म हाउस पर छापा मारकर भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किए गए. इस ऑपरेशन की अगुवाई साइक्लोनर प्रभारी सब इंस्पेक्टर कन्हैयालाल और परमीत चौहान ने की.

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