बैतूल: जिले के घोड़ाडोंगरी तहसील के एक छोटे से गांव कान्हावाड़ी में कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का इलाज निशुल्क होता है. इतना ही नहीं यहां आने वाले निसंतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति भी हो जाती है. कान्हावाड़ी में इलाज करवाने देश भर के लोगों के साथ ही विदेश तक के लोग भी आते हैं. बता दें कि कान्हावाड़ी के कई वर्षों से बाबूलाल भगत सतपुड़ा की वादियों में मिलने वाली जड़ी बूटियां से लोगों का निशुल्क उपचार कर रहे हैं. यहां मिलने वाली जड़ी बूटियों से कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है. बाबूलाल भगत सप्ताह में 2 दिन रविवार और मंगलवार को दवाइयां देते हैं.
तीन पीढ़ियों से लोगों का जड़ी बूटियों से किया जा रहा उपचार
कान्हावाड़ी के नाथूराम गोहे ने बताया कि "बाबूलाल भगत कई वर्षों से जड़ी बूटियों से कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का निशुल्क उपचार कर रहे हैं. बाबूलाल भगत के पहले उनके पिताजी और अब उनके भतीजे भी जड़ी बूटियों से लोगों का उपचार कर रहे हैं. यहां हाथ पैर दर्द से लेकर कैंसर तक का उपचार जड़ी बूटियों के माध्यम से होता है. भगत जी के कारण रविवार और मंगलवार को गांव में बहुत भीड़ रहती है. इसके चलते गांव वालों ने रोजगार मिल रहा है."
देश-विदेश में इलाज कराने आते हैं लोग
कान्हावाड़ी के रामशंकर गोहे बताते है कि "बाबूलाल भगत के पास दूर दराज से लोग इलाज कराने आते है. यहां जड़ी बूटियों के माध्यम से कैंसर सहित कई बीमारियों का इलाज करवाने विदेश तक के लोग आते हैं और ठीक भी होते हैं. उनका कहना था कि लोग वापस आकर बताते भी हैं, कि उन्हे यहां आकर काफी आराम मिला है. साथ ही बीमारी भी ठीक हुई है."
ऑपरेशन के बाद दोबारा हुआ ओरल कैंसर, जड़ी-बूटी से हुए फिट
नागपुर से आई मेघा टांडेकरने बताया कि "मेरे पति को 3 स्टेज का ओरल कैंसर हो गया था. जिसका बड़े अस्पताल में इलाज करवाया. डॉक्टर ने ऑपरेशन भी किया, लेकिन एक साल बाद में दोबारा ओरल कैंसर हो जाने पर डॉक्टर ने इलाज से इनकार कर दिया. जिसके बाद कान्हावाड़ी गांव में भगत जी के पास पहुंचे. भगत जी की जड़ी बूटियों से इलाज करवाना शुरू किया, जिससे मेरे पति अब बिल्कुल ठीक है. वह स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं."
बाबूलाल भगत को पद्म भूषण देने की उठी मांग
महाराष्ट्र के यवतमाल से आई वर्षा इवने ने बताया कि "बीपी और थायराइड की शिकायत लेकर कान्हावाड़ी आई थी. भगत जी की जड़ी बूटियां से 2 माह में ही ठीक हो गई. बाबूलाल भगत जी निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रहे हैं. कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का निशुल्क उपचार करते हैं. इसलिए सरकार को बाबूलाल भगत को पद्म भूषण पुरस्कार दिया जाना चाहिए."