नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बड़े अस्पताल राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) में बुधवार को सीबीआई ने दो डॉक्टरों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया. बताया जा रहा है कि मरीजों और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों से रिश्वत लेने के मामले में इन्हें गिरफ्तार किया गया है. इनमें अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के दो डॉक्टर पर्वतगौड़ा और डॉक्टर अजय राज प्रमुख रूप से शामिल पाए गए हैं. अस्पतालों में मरीजों और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों से रिश्वत लेने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी बीते साल 30 मार्च को सफदरजंग अस्पताल के एक डॉक्टर मनीष रावत और उसके चार साथियों को भी इसी तरह के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष न्यूरो की समस्या से अधिक परेशान मरीजों से जल्दी अप्वाइंटमेंट और सर्जरी के बदले रिश्वत लेता था. इसके लिए उसने एक बिचौलिया अवनेश पटेल को लगा रखा था. पटले ही मरीजों से रिश्वत के लिए संपर्क करता था. साथ ही सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले इम्प्लांट को उनकी तय कीमत से काफी ज्यादा राशि में खरीदने के लिए जंगपुरा स्थित एक दुकान पर भेजता था. उकरण की तय राशि से ऊपर की रकम डॉक्टर मनीष को रिश्वत के रूप में दी जाती थी.
जांच में खुलासा हुआ था कि डॉक्टर रावत ने मरीजों को 30 हजार से लेकर एक लाख 15 हजार रुपये तक की रिश्वत एक बिचौलिया के बैंक खाते में जमा कराने के लिए कहा था. रावत मरीजों से दीपक खट्टर की कंपनी कनिष्क सर्जरी से ही उपकरण खरीदने के लिए कहता था. डॉ. रावत के निर्देश पर अवनेश पटेल मरीजों के परिजनों से संपर्क करता था और उनसे कहता था कि अगर वे पैसे देंगे तो उन्हें डॉक्टर रावत की अप्वाइंटमेंट या सर्जरी के लिए पहले की तारीख दिला देंगे.
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