बालाघाट। प्रदेश सरकार द्वारा 2024-2025 सीजन के लिए गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देकर आधिकारिक रूप से 2400 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं पंजीकृत किसानों से खरीदी करने के आदेश जारी किए गए है, लेकिन सरकार द्वारा खरीदे जा रहे उपार्जन केन्द्रों में मापदंडों के गणित की वजह से किसान अपनी गेहूं की फसल को बेच नहीं पा रहे हैं. आरोप हैं कि मानक क्वालिटी की बहानेबाजी करके किसानों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है. इस मामले को लेकर किसानों ने परसवाड़ा की तहसीलदार वर्षा झारिया को ज्ञापन सौंपते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.
खराब गुणवत्ता की बताई जा रही फसल
जिले के आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामों के पजीकृत किसानों से उनकी उपज खरीदी हेतू सेवा सहकारी समिति परसवाड़ा और सेवा सहकारी समिति बघोली अन्तर्गत दो खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं. खरीदी चालू होने के दो सप्ताह बाद परसवाड़ा लेम्पस अन्तर्गत मात्र 4 किसानों से करीब 50 क्विंटल और बघोली लेम्पस अन्तर्गत 1 किसान से 14 क्विटंल गेहूं खरीदे जाने की जानकारी मिली है. जबकि विक्रय हेतू अपनी फसल लेकर पहुंचे सैकड़ों किसानों की उपज गुणवत्ताहीन बताकर उन्हें वापस लौटा दिया गया. आपबीती सुनाते हुए किसानों ने बताया कि बालाघाट के जिला विपणन अधिकारी के कार्यालय से खरीदी केन्द्र में एक ग्रेडर आता है, जो किसानों की फसल के रखे सैम्पल को चेककर गुणवत्ताहीन बताकर तुरन्त रिजेक्ट कर देता है.
एक प्रतिशत भी नहीं हुई खरीदी