रुद्रप्रयाग: क्रौंच पर्वत पर विराजमान भगवान कार्तिक स्वामी के तीर्थ में दो दिवसीय बैकुंठ चतुर्दशी मेले की तैयारियां पूरी हो गई हैं. कल यानी 14 नवंबर की रात को कार्तिक स्वामी मंदिर परिसर में रातभर अखंड जागरण और कीर्तन भजनों का आयोजन किया जाएगा. साथ ही चारों पहर की चार आरतियां उतार कर भगवान कार्तिक स्वामी समेत 33 कोटि देवी-देवताओं का आह्वान कर विश्व समृद्धि की कामना की जाएगी. वहीं, निसंतान दंपतियों की ओर से रातभर हाथों में प्रज्वलित दीप लेकर संतानप्राप्ति की कामना की जाएगी.
कार्तिकेय मंदिर समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बिक्रम सिंह नेगी ने बताया कि भगवान कार्तिकेय का धाम समुद्र तल से 8,530 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. कल मंदिर में दो दिवसीय बैकुंठ चतुर्दशी मेले का शुभारंभ होगा. विद्वान आचार्यों की ओर से ब्रह्म बेला पर पंचांग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपन्न कर भगवान कार्तिक स्वामी समेत 33 कोटि देवी-देवताओं का आह्वान कर दो दिवसीय बैकुंठ चतुर्दशी मेले शुरू किया जाएगा. श्रद्धालुओं की ओर से पूरे दिन पूजा-अर्चना और जलाभिषेक किया जाएगा.
निसंतान दंपति हाथों में रातभर जलता दीया लेकर करते हैं संतान प्राप्ति की कामना: उन्होंने बताया कि शाम 7 बजे से अखंड जागरण, कीर्तन भजनों का शुभारंभ होगा. रात 9 बजे, 12 बजे, 3 बजे और 15 नवंबर को ब्रह्म बेला पर सुबह 6 बजे चारों पहर की चार आरतियां उतारी जाएंगी. अंतिम आरती के साथ अखंड जागरण, कीर्तन भजनों का समापन होगा. उन्होंने बताया कि बैकुंठ चतुर्दशी के पावन अवसर पर निसंतान दंपति हाथों में रातभर जलते दीपक लेकर संतान प्राप्ति की कामना करेंगे. वहीं, 15 नवंबर को दिन भर श्रद्धालु पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करेंगे.