बगहा:सावन की चौथी सोमवारी के मौके पर श्रद्धालु इंडो नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मीकीनगर पहुंचे थे. जहां वाल्मिकी आश्रम का दर्शन और पूजा अर्चना करने के बाद लौट रहे थे. इसी बीच अचानक बारिश होने से त्रिवेणी संगम से सटे तमसा नदी में बाढ़ आ गई और पानी का बहाव तेज हो गया. जिसके बाद वाल्मिकी आश्रम का दर्शन कर लौट रहे 69 कांवड़िया तेज धारा के बीच फंस गए.
बाढ़ में फंसे 69 कांवड़िया:वाल्मिकी आश्रम बीओपी पर तैनात एसएसबी 21 वीं बटालियन के जवानों ने मानव श्रृंखला बनाकर सभी कांवरियों को सुरक्षित बाढ़ की तेज धारा से बाहर निकाला. एसएसबी और नेपाल एपीएफ के जवानों ने तत्परता दिखाते हुए 69 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर सुरक्षित नदी से बाहर निकाला. जिसमें 31 पुरुष 29 महिला और 9 बच्चे शामिल थे. इसमें बिहार के गोपालगंज, नरकटियागंज, बेतिया और यूपी के विभिन्न जिलों के श्रद्धालु फंसे हुए थे.
एसएसबी ने भक्तों का रेस्क्यू किया:बता दें कि नेपाल के चितवन निकुंज स्थित वाल्मीकि आश्रम तक चारपहिया वाहन से जाने का एक मात्र रास्ता वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जटाशंकर मंदिर के बगल से होकर गुजरता है. ऐसे में वाल्मिकी आश्रम जाने के लिए कच्ची सड़क के रास्ते जाकर तमसा नदी को पार कर श्रद्धालु वाल्मिकी आश्रम पहुंचते हैं. इसी तमसा नदी किनारे एसएसबी का बीओपी भी है. नतीजतन एसएसबी ने तत्काल नदी में पहुंचकर भक्तों का रेस्क्यू किया.
देवदूत बनकर पहुंचे एसएसबी के जवान: दरअसल, पहाड़ी नदी में थोड़ा भी पानी आ जाए तो उसका करेंट काफी तेज होता है. इस तेज पानी की धारा को पार करना आम इंसान के वश की बात नहीं है. यहीं वजह है की कांवरियों को नदी के पानी के तेज फ्लो का आभास नहीं हुआ और उन्हें लगा की वे आसानी से नदी को पार कर सकते हैं, लेकिन जैसे ही नदी ने लोग घुसे उसके तेज धारा को पार करना उनके लिए कठिन हो गया. ऐसे हालात में एसएसबी के जवान उनके लिए देवदूत बनकर आए और सभी का रेस्क्यू कर नदी पार कराने में मदद की.